18 साल की लड़की से शादी बाल विवाह, 21 साल का कानून बना रही सरकार

Swati Gautam, Last updated: Thu, 16th Dec 2021, 4:13 PM IST
  • सरकार ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.
18 साल की लड़की से शादी बाल विवाह, 21 साल का कानून बना रही सरकार. file photo

लखनऊ. सरकार ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों एवं महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु में एकरुपता लाने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है. जानकारी अनुसार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम, 2006 को संशोधित करने संबंधी विधेयक ला सकती है. बता दें कि मौजूदा कानूनी के मुताबिक लड़कों के विवाह लिए न्यूनतम आयु 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित है.

बता दें कि 15 अगस्त 2020 को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर सरकार समीक्षा कर रही है. इसके लिए कमेटी बनाई गई है, उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र को लेकर उचित फैसला लिया जाएगा. और अब लड़कियों की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 करने का फैसला लिया गया है. बता दें कि यह निर्णय समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली की अध्यक्षता में बनी केंद्र की टास्क फोर्स के आधार पर लिया गया है.

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लड़कियों को भी कमाने के मिलें पुरुषों के समान अवसर

लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को बढ़ाने के निर्णय के बारे में जया जेटली ने कहा है कि दो प्रमुख कारणों पर ध्यान केंद्रित किया गया. उन्होंने कहा कि यदि हम प्रत्येक क्षेत्र में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की बात करते हैं तो फिर विवाह में ऐसा क्यों नहीं कर सकते. यह बहुत ही विचित्र बात है कि लड़की 18 साल की आयु में शादी के योग्य हो सकती है, जबकि इस कारण उसके कॉलेज जाने का अवसर खत्म हो जाता है. दूसरी तरफ, लड़के के पास अपने जीवन और जीविका के लिए तैयार होने का 21 साल की आयु तक अवसर होता है. उन्होंने आगे कहा कि लड़कियां को भी कमाने और पुरुषों के बराबर होने का अवसर दिया जाना चाहिए.

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निर्णय लेने से पहले कराया युवाओं में सर्वे

जया जेटली ने दूसरा प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि हमने बहुत सारे लोगों की राय ली, लेकिन इसमें युवा प्रमुख रूप से शामिल थे. हमने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और ग्रामीण इलाकों में युवाओं से बात की और इनकी राय यही थी कि शादी की आयु 22 या 23 साल होनी चाहिए. ऐसे में ज्यादा सभी लोगों की समान राय थी उन्होंने कहा था कि यह बहुत अच्छी पहल है. जया जेटली ने आगे बताया कि कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री कार्यालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और नीति आयोग को सौंपी थी.

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