लखनऊ: कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को किया तलब, आठ अक्टूबर को पेश होने का भेजा समन

Smart News Team, Last updated: Wed, 7th Oct 2020, 1:32 PM IST
विशेष एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज( एडीजे) हरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस कमिश्नर को समन( कोर्ट आना होगा) किया है. मामला यह है कि राजद्रोह के मामले में निरूद्ध पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ मोहम्मद अयूब के खिलाफ बगैर अभियोजन( केंद्र सरकार या राज्य सरकार) की अनुमति के बिना चार्जशीट दायर कर दी गई. 
लखनऊ: कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को किया तलब, आठ अक्टूबर को आने का भेजा समन

लखनऊ. विशेष एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज( एडीजे) हरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस कमिश्नर को समन( कोर्ट आना होगा)  किया है. मामला यह है कि राजद्रोह के एक केस में निरूद्ध पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ मोहम्मद अयूब के खिलाफ बगैर अभियोजन( केंद्र सरकार या राज्य सरकार) के अनुमति के बिना चार्जशीट दायर कर दी गई.

इसी को लेकर व्यक्तिगत रूप से पुलिस कमिश्नर को समन भेजा गया है. इसकी अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी. इस दौरान कमिश्नर को कोर्ट मौजूद रहना होगा. डाॅ. अयूब की जमानत की अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई थी.

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कोर्ट को सुनवाई के दौरान मंगलवार को पता चला कि मामले की एफआईआर दारुल सफा के चौकी इंचार्ज कृष्णकांत सिंह ने हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी. इस शिकायत के अनुसार डाॅ. अयूब और अन्यों ने एक उर्दू अखबार में विज्ञापन छपवाया था. जिससे कि विभिन्न समुदायों और वर्गो के बीच में दुश्मनी और नफ़रत पैदा हो रही थी. इसे सोशल मीडिया के जरिए भी फैलाया गया. इसको देखते हुए 31 जुलाई 2020 डाॅ. अयूब को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इस मामले में चार्जशीट दायर कर दी. राजद्रोह की धारा 124ए के तहत आरोप पत्र दाखिल करने से पहले केंद्र  राज्य सरकार या केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होती जो कि इस मामले में नहीं ली गई.

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सरकारी वकील जेपी सिंह के अनुसार विवेचक दुर्गेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व विवेचक चक्रधर पाडेंय ने अभियोजन( केंद्र सरकार या राज्य सरकार) से अनुमति को लेकर‌ पुलिस उपायुक्त मध्य क्षेत्र, पुलिस कमिश्नरेट को‌ चिट्ठी लिखी थी. अभी तक कोई आदेश नहीं हुआ पैरवी की जा रही है. जज हरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि चि़ट्ठी के मामले पर पुलिस उपायुक्त मध्य क्षेत्र ने क्या आदेश  पारित किया है, इसका कोई स्पषट तथ्य नहीं है.

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