कोयले के अभाव में NTPC की एक और यूनिट ठप, पूरे उत्तर भारत में गहराया बिजली संकट
- कोयले की कमी के कारण पूरे उत्तर भारत में बिजली संकट गहराता जा रहा है. कोयले की किल्लत का असर टांडा और ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी के प्लांट पर भी पड़ रहा है. हाल ही में एनटीपीसी में 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नंबर 6 को बंद किया गया. वहीं शनिवार को भी 210 मेगावाट वाली यूनिट नंबर दो को बंद करना पड़ा.

लखनऊ. देश के विभिन्न राज्यों में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट गहराता जा रहा है. उत्तर प्रदेश में भी कोयले के अभाव में बिजली उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इस कारण अब एनटीपीसी ऊंचाहार की एक और यूनिट बंद कर दी गई है. बिजली उत्पादन कम होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रो में सप्लाई में कटौती की जा रही है. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. कोयले का इंतजाम जल्द नहीं हुआ तो यह संकट और भी बढ़ सकता है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने और प्रदेश को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
कोयले की आपूर्ति को सुधारने के लिए एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड के अधिकारी भी प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उस बीच एनटीपीसी ऊंचाहार की स्थिति और खराब हो गई. एक सप्ताह पहले कोयले के अभाव में एनटीपीसी में 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नंबर छह को बंद किया गया. वहीं शनिवार रात 210 मेगावाट वाली यूनिट नंबर दो को भी बन्द करना पड़ा है.
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रोजाना आठ मालगाड़ी कोयले की जरूरत- ऊंचाहार परियोजना को इस समय सिर्फ दो मालगाड़ी कोयला मिल रहा है, जबकि पूरी यूनिट चलाने के लिए रोजना आठ मालगाड़ी कोयले की जरूरत है. बीते शनिवार को कोयले की एक भी मालगाड़ी नहीं आई. बताया जा रहा है कि इसके कारण एनटीपीसी के भंडारण में सुरक्षित 18 हजार मीट्रिक टन कोयला भी खत्म हो गया है. अब ऊंचाहार एनटीपीसी का कोयला भंडार पूरी तरह से खाली हो गया है.
एनटीपीसी ऊंचाहार से देश के नौ राज्यों को बिजली आपूर्ति- उत्तरी ग्रिड के जरिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा , दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर जैसे देश के नौ राज्यों को एनटीपीसी ऊंचाहार से बिजली की आपूर्ति की जाती है. लेकिन ऊंचाहार परियोजना में उत्पादन अब एक तिहाई रह गया है, जिसके कारण बिजली की अत्यधिक कटौती की जा रही है.
कैसे हुई कोयले की किल्लत- ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने रवि ने बताया कि कोल इंडिया द्वारा किए जाने वाले कोयले के उत्पादन में काफी गिरावट आई है, क्योंकि ईस्टर्न कोलफील्ड (सिंगरौली, झारखंड और बिहार) और सेंट्रल कोलफील्ड (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में सितंबर के अंत में बहुत अधिक बारिश होने के कारण कोयला खदानों में पानी भर गया है. इस कारण कोयले की किल्लत का सामना करना पड़ा रहा है.
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