प्रसपा के पास नहीं रहा चाबी चुनाव चिह्न, सपा की 'साइकिल' से लड़ेंगे शिवपाल यादव
- उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और उनके चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है. हालांकि इस चुनाव में प्रसपा के पास चाबी चुनाव चिह्न नहीं रहा. इसलिए शिवपाल यादव की पार्टी सपा के साइकिल चुनाव चिह्न से चुनावी मैदान में उतरेगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) साथ आ गई हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा एवं प्रसपा चीफ शिवपाल यादव के बीच गठंबधन तय हो गया है. प्रसपा आगामी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की सपा के चिह्न साइकिल से चुनाव लड़ेगी. क्योंकि प्रसपा के पास चाबी चुनाव चिह्न नहीं रहा है. चुनाव आयोग प्रसपा को कोई नया चुनाव चिह्न आवंटित करेगा, मगर उसे कम समय में मतदाताओं के बीच लोकप्रिय करना मुश्किल है. ऐसे में ‘साइकिल’ से चुनाव लड़ना शिवपाल की मजबूरी बन गया है.
दरअसल, सपा से अलग होने के बाद 2018 में शिवपाल यादव ने प्रसपा का गठन किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रसपा को चाबी चुनाव चिह्न आवंटित हुआ था. उस दौरान प्रसपा ने चाबी के नाम पर ही जोर-शोर से प्रचार किया. हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को महज 0.31 फीसदी वोट मिले. इसके बाद हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव से पहले चाबी चुनाव चिह्न जननायक जनता पार्टी को आवंटित हो गया.
यूपी विधानसभा चुनाव: निर्वाचन आयोग ने 29 दिसंबर को सभी डीएम-एसपी की बुलाई बैठक
अब प्रसपा को चुनाव आयोग 197 चुनाव चिह्नों में से कोई एक आवंटित होगा. हालांकि बीते 3 सालों से पार्टी चाबी चुनाव चिह्न पर ही प्रचार कर रही है. ऐसे में आगामी चुनाव में किसी नए चुनाव चिह्न के साथ मैदान में उतरना प्रसपा के लिए बहुत मुश्किल काम है. इसलिए शिवपाल यादव समेत प्रसपा के अन्य नेता सपा के चुनाव चिह्न पर ही उतरने पर विचार कर रहे हैं.
अन्य खबरें
26 दिसंबर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे DRDO लैब और ब्रह्मोस यूनिट का शिलान्यास
गोंसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट का हुआ उद्घाटन
Gold Silver price: 25 दिसंबर को लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ में सोना-चांदी के दाम स्थिर
UP Scholarships : चुनाव से पहले CM योगी देंगे 55 लाख छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप