डॉक्टरी पढ़ने वाला हर छात्र एक परिवार लेगा गोद, एनएमसी जल्द लेगा फैसला

Ruchi Sharma, Last updated: Mon, 14th Feb 2022, 11:28 AM IST
  • एनएमसी ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की पहुंच बढ़ाने के लिए हर मेडिकल छात्र को गांवों में जाकर एक परिवार को गोद लेने का आदेश जारी करेगा. इसके तहत चार साल के कोर्स के दौरान हर माह गांव में उनसे मिलना होगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग जल्द ही एक नया प्रस्ताव जारी करने जा रहा है. एनएमसी ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की पहुंच बढ़ाने के लिए हर मेडिकल छात्र को गांवों में जाकर एक परिवार को गोद लेने का आदेश जारी करेगा. इसके तहत चार साल के कोर्स के दौरान हर माह गांव में उनसे मिलना होगा. मेडिकल छात्र उनके व्यवहार, बीमारियों, रहन-सहन एवं व्यवहार से जुड़े मुद्दों का अध्ययन कर आंकड़े एकत्र करेंगे. चार साल के बाद वे इन आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट भी पेश करेंगे.

एनएमसी की हाल में हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसमें एक प्रस्ताव यह भी है. इसमें कहा गया मेडिकल छात्रों के कम्प्यूटर स्किल प्रोग्राम की जगह इस कार्यक्रम को शुरू किया जा सकता है. इसे मेडिकल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. फिलहाल इस प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. जल्द ही इस पर कोई ऐलान हो सकता है. इसकी शुरुआत नए बैच से होगी.

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ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसे दूर करने के लिए समय-समय पर प्रयास किए गए हैं पर खास सफल नहीं हुए. मेडिकल छात्र यदि कोर्स के दौरान ही ग्रामीण परिवारों के संपर्क में रहेंगे तो वह गांवों की जरूरतों को समझ सकेंगे और भविष्य में गांवों में तैनाती के लिए भी तैयार हो सकेंगे. बता दें कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मुताबिक, देश में 554 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें हर साल करीब 85 हजार मेडिकल छात्र प्रवेश लेते हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की हो रही दिक्कत

अभी भी देश की 66 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, लेकिन 75 फीसदी डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में हैं, इससे काफी दिक्कत आ रही. वर्तमान में कम्युनिटी मेडिसिन पाठ्यक्रम के डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेनिंग लेनी होती है लेकिन यह कार्यक्रम उससे बिल्कुल अलग होगा और प्रभावी होने की उम्मीद.

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