लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को जनता अदालत का आयोजन किया

ABHINAV AZAD, Last updated: Thu, 21st Oct 2021, 3:53 PM IST
  • लखनऊ विकास प्राधिकरण की जनता अदालत में लोगों ने अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं सुनाई. जिसके बाद अधिकारियों ने कुछ मामले में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया तो कुछ मामलों का मौके पर निस्तारण भी कराया.
(प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ. गुरूवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के जनता अदालत का आयोजन हुआ. इस अदालत में लोगों ने अपनी परेशानी सामने रखी. इस दौरान बालागंज कैंपवेल रोड निवासी रामदत्त ने बताया कि उन्होंने LDA से फरवरी 2005 में बसंत कुंज योजना में एक भूखंड खरीदा था. आवंटन पत्र मिलने के एक महीने के भीतर 31 मार्च 2005 को उन्होंने भूखंड की पूरी कीमत 8,20,800 जमा कर दी. लेकिन पूरे पैसे जमा करने के 16 साल बाद भी एलडीए ने उन्हें आज तक इसकी रजिस्ट्री नहीं की है.

दरअसल, ऐसे कई दर्जनों लोग हैं जिन्होंने एलडीए द्वारा तय पैसे का भुगतान कर दिया है. लेकिन एलडीए ने उन्हें रजिस्ट्री नहीं की है. इसके अलावा इस अदालत में लोगों ने अपनी अन्य परेशानियां भी अधिकारियों को सुनाई. अधिकारियों ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना. इस दौरान अधिकारियों ने कुछ मामले में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया तो कुछ मामलों का मौके पर निस्तारण भी कराया. लंबे समय से अपने भवन भूखण्ड के लिए भटक रहे डेढ़ दर्जन से अधिक लोग यहां अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. जनता अदालत में उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा सहित तमाम अधिकारियों ने लोगों की समस्याओं की सुनवाई की.

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इस दौरान गोमती नगर के प्रमोद रंजन ने अफसरों को बताया कि उन्हें गोमती नगर विस्तार में 2005 में भूखंड संख्या 6/259 आवंटित हुआ था. लेकिन आज तक उनके इस भूखंड की रजिस्ट्री नहीं हुई है. उन्हें भी प्राधिकरण के चक्कर लगाते हुए 16 वर्ष बीत चुके हैं. उन्होंने अधिकारियों को बताया कि 7 अप्रैल 2018 को तत्कालीन उपाध्यक्ष पीएन सिंह ने यहां के 49 आवंटियों के भूखंडों का सेक्टर 6 गोमती नगर विस्तार में समायोजन किया था. लेकिन उनका भूखंड समायोजन से बच गया था. अब 16 वर्ष बीतने के बावजूद उनकी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. उधर दोपहर बाद तक प्राधिकरण दिवस में करीब 18 लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई.

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