हॉस्पिटल की मान्यता के लिए 125 से ज्यादा मजूदरों को बनाया बंधक, अस्पताल होगा सील
- लखनऊ में मान्यता पाने के लिए एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल ने 125 से ज्यादा मजदूरों को बंधक बना लिया गया. जिसके बाद डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल सील होगा.

लखनऊ. राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. ये पूरा मामला एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से जुड़ा है. यहां अस्पताल की मान्यता के लिए मजदूरों को जबरिया मरीज बनाने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल ने 125 से ज्यादा मजदूरों को बंधक बना लिया गया. जिसके बाद डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल सील होगा. खुलासा होने के बाद अस्पताल के ज्वाइंट डॉयरेक्टर व अन्य कर्मचारियों पर ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल को सील करने की संस्तुति की है.
ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज है. दुबग्गा में इससे संबद्ध डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल कॉलेज की गाड़ी सुबह आठ बजे डाला इंजीनियरिंग कॉलेज के निकट स्थित मजदूरों की मंड़ी पहुंची. यहां मजदूरों को काम दिलाने की बात कही गई. मजदूरों ने काम के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने कहा कि कोई काम नहीं है. तीन वक्त का खाना मिलेगा. सिर्फ बेड पर लेटना है. शाम को 500 रुपये मजदूरी मिलेगी. यह सुनकर 250 मजदूर तैयार हो गए. काम की तलाश में आए मजदूर पैसों की लालच में आ गए. उसके बाद उन्हें बंधक बना लिया गया और ईलाज शुरू कर दिया गया, जिसके चंगुल से भागकर एक पीड़ित थाने पहुंचा.
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सूचना पर पहुंची पुलिस
पूरा घटनाक्रम सुनकर हरकत में आई पुलिस मौके पर पहुंची. ये पूरा मामला एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से जुड़ा है. इस सूचना पर डीसीपी सोमेन वर्मा, एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा, एसीपी आईपी सिंह फोर्स के साथ वहां पहुंच गये और डरे सहमे लेटे मजदूरों को मुक्त कराया.
सील होगा अस्पताल
पुलिस ने अस्पताल के ज्वाइन्ट डायरेक्टर डॉ.शेखर सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में अस्पताल के ज्वाइन्ट डायरेक्टर व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल को सील करने की संस्तुति की है.
मान्यता पाने के लिए किया गया नाटक
अधिकारियों का कहना है कि मान्यता के लिए मरीजों की आवश्यकता होती है. इस मानक को पूरा करने के लिए ठेके पर अलग-अलग इलाकों के मजदूरों को लाया गया. ताकि निरीक्षण पर आने वाली टीमों को भर्ती मरीज दिखाए जा सके.
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