लखनऊ:नीट सॉल्वर गैंग का सदस्य निकला लोहिया संस्थान का रेजीडेंट डॉ सचिन, बर्खास्त

Smart News Team, Last updated: Fri, 2nd Oct 2020, 10:14 AM IST
लखनऊ के डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजीडेंट डॉ. सचिन कुमार मौर्या  नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पेपर के सॉल्वर गैंग के सदस्य बर्खास्त कर दिया गया. यह मेडिसिन विभाग में कार्यरत था. मंगलवार को कानपुर पुलिस ने डॉ. सचिन कुमार के साथ  छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.
लखनऊ:नीट सॉल्वर गैंग का सदस्य निकला लोहिया संस्थान का रेजीडेंट डॉ सचिन, बर्खास्त

लखनऊ.  नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पेपर के सॉल्वर गैंग के सदस्य लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के जूनियर रेजीडेंट डॉ. सचिन कुमार मौर्या को बर्खास्त कर दिया गया. यह मेडिसिन विभाग में कार्यरत था. मंगलवार को कानपुर पुलिस ने डॉ. सचिन कुमार के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया था.

इसके बाद से डॉ. सचिन के कई साथियों एसटीएफ और कानपुर पुलिस की रडार पर है. इनसे किसी भी समय पूछताछ की जा सकती है. मेडिसन विभाग में नाॅन एकेडमिक रेजिडेंट के पद पर डॉ. सचिन कुमार मौर्या की तैनाती हुई थी. यह सोमवार से अपने काम पर नहीं आ रहे थे. इसकी जानकारी अस्पताल विभाग के अधिकारियों को साथियों ने दी. बुधवार को जब इसकी जानकारी अधिकारियों ने विभूतीखंड पुलिस को दी तो इस दौरान उनको पुलिस डॉ. सचिन के नीट पेपर के सॉल्वर गैंग सदस्य होने के बारे में उन्हें जानकारी दी.

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इसको देखते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक और मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डाॅ विक्रम सिंह के अनुसार उन्होंने डाॅ. सचिन को बर्खास्त कर दिया. इनकी पोस्टिंग 59 दिनों के लिए हुई थी. एमबीबीएस पास कर चुके छात्रों की नाॅन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट पद पर तैनात होती है.

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यह कोई पहला मामला नहीं है. मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले के मामले में एमपी के एसटीएफ ने लखनऊ के केजीएमयू के 2013 और 2014 बैच के 12 से छात्रों से पूछताछ कर चुकी हैं. यहां के तो डाॅक्टर भी एमबीबीएस में एडमिशन कराने के फर्जीवाड़े में फंस चुके हैं. एसटीएफ की पूछताछ का सामना कर चुकी क्वीन मैरी अस्पताल की एक रेजिडेंट डॉक्टर आत्महत्या भी कर चुकी हैं.

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