वेस्ट यूपी में चर्चा तेज, CM योगी मथुरा से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव

SHOAIB RANA, Last updated: Wed, 17th Nov 2021, 1:40 PM IST
  • यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में क्या सीएम योगी आदित्यनाथ मथुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा हम नहीं रहे लेकिन वेस्ट यूपी के बीजेपी कार्यकर्ताओं में चर्चा जरूर जोरों से चल रही है. 
फोटो में- सीएम योगी आदित्यनाथ और साथ में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा

लखनऊ. यूपी चुनाव 2022 में जीत के लिए बीजेपी हर तरह का प्रयोग करने में पीछे नहीं हट रही. राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहीं से होकर 2024 लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी जीत का रास्ता जाता है. विधानसभा चुनाव में जीत तक पहुंचने के लिए पीएम मोदी के बाद सीएम योगी भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं. इसी वजह से सूबे में काफी समय से अटकलें थी कि क्या पार्टी को जीत दिलाने के लिए खुद सीएम योगी भी चुनावी मैदान में कूदेंगे और अगर हां तो वे क्या अपनी संसदीय सीट रही गोरखपुर की किसी विधानसभा सीट से लड़ेंगे. दरअसल गोरखपुर की कोई भी सीट स्वाभाविक है जहां से वो लगातार पांच बार सांसद रहे हैं लेकिन किसान आंदोलन से परेशान बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोट और सीट संभालने के लिए उन्हें मथुरा से लड़ा सकती है. मथुरा बीजेपी और संघ के लिए कृष्ण जन्मभूमि की राजनीतिक लड़ाई भी है जो योगी को भी सूट करेगा. कुछ दिन पहले योगी ने कहा था कि अगर राम और कृष्ण भक्तों की कारसेवा भविष्य में हुई तो उन पर लाठी नहीं फूल बरसेंगे. ऐसे में हो सकता है कि भाजपा वेस्ट यूपी को सीएम योगी का गढ़ बनाकर तुरुप चाल चलने की तैयारी में हो.

दरअसल वेस्ट यूपी में जाट और मुस्लिम वोटरों का काफी प्रभाव है. ऐसे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से दिवंगत नेता अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी की पार्टी रालोद के गठबंधन से भाजपा पर असर पड़ेगा. क्योंकि सूबे में मुस्लिम सपा तो जाट आरएलडी का कोर वोट बैंक कहा जाता है. ऐसे में मुस्लिम वोटरों का समर्थन तो अखिलेश को है ही, अब जयंत चौधरी ने भी किसान आंदोलन के सपोर्ट में होकर अपनी पुरानी नाराजगी भी दूर कर ली और पश्चिमी यूपी के जाट मतदाता अब आरएलडी की तरफ नजर आने लगे हैं. अब जाहिर है भाजपा को सपा और आरएलडी के गठबंधन से लेकर मायावती की बीएसपी से टक्कर लेते हुए वेस्ट यूपी में जीत का रास्ता निकालना है तो कोई बड़ा चेहरा ही लाना होगा. वर्तमान में पूर्वांचल से तो खुद पीएम मोदी भी लोकसभा चुनाव लड़ते हैं इसलिए वहां बीजेपी कहीं ना कहीं एक सेफ साइड में है लेकिन वेस्ट यूपी में किसानों की नाराजगी बीजेपी को चिंता में जरूर डाल रही है. हालांकि, उत्तर प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता श्रीकांत शर्मा भी वेस्ट यूपी से हैं और मथुरा सीट से विधायक हैं. लेकिन अगर कार्यकर्ताओं की चर्चा जरा भी सच हुई और बीजेपी सीएम योगी को मथुरा भेजने की तैयारी में है तो शायद पार्टी चुनाव में हल्का भी रिस्क लेना नहीं चाहती.

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क्या श्रीकांत शर्मा की जगह सीएम योगी होंगे मथुरा में बीजेपी के रथ के सारथी

बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा जब खुद एक बड़ा नाम भाजपा से वेस्ट यूपी में है और मथुरा से विधायक है तो ऐसे में सीएम योगी का उनकी सीट से खड़े होने की चर्चा थोड़ा ये जरूर मन में सवाल कर रही है कि अगर मुख्यमंत्री यहां से लड़े तो श्रीकांत शर्मा कहां से लड़ सकते हैं. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं में ये भी चर्चा है कि इस स्थिति में श्रीकांत शर्मा गोवर्धन विधानसभा से चुनावी ताल ठोक सकते हैं. वहीं सीएम योगी जो गोरखपुर में गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं और वहां से पांच बार सांसद रहे हैं, वे अपना गृह जिला छोड़कर मथुरा आ सकते हैं. वर्तमान में सीएम योगी विधान परिषद के सदस्य हैं यानी एमएलसी हैं.  

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मथुरा का धार्मिक महत्व बन सकता है बड़ी जीत का फैक्टर

यूपी का मथुरा कोई आम जिला नहीं है. यह भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है जिसकी पूरे विश्व में एक खास पहचान है. अयोध्या की तरह मथुरा का नाम भी हमेशा भाजपा समर्थकों के मुंह पर रहा है और समय-समय कई हिंदू संगठनों ने कई मांग भी की हैं. ऐसे में भाजपा सीएम योगी जैसे बड़े चेहरे को मथुरा में अपना सारथी बनाती है तो उसका प्रभाव विधानसभा की जीत पर बड़े स्तर पर मिल सकता है. हालांकि, ये महज कयास हैं जिनकी किसी भी तरह से आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

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