विपक्ष की मानसिकता घृणा से भरी, सरकार की पहल सार्थक- संजय निषाद

Anurag Gupta1, Last updated: Tue, 21st Dec 2021, 8:45 AM IST
  • निषाद आरक्षण पर बोले संजय निषाद विपक्ष की मानसिकता घृणित है सरकार की पहल सार्थक है. लेकिन इस मुद्दे पर तेजी से काम करना होगा. लखनऊ की रैली में स्पष्ट हो गया था कि निषाज समाज की सभी प्रमुख समस्याओँ का हल जल्द ही होने वाला है.
निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद (फाइल फोटो)

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव के चलते चुनावी घमासान तेज हो गया है. पार्टियां सरकार में आने के लिए गठबंधन बना चुकी है. ऐसे में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएलसी डॉ संजय कुमार निषाद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष कि सोच घृणा से भरी है जबकि सरकार की ओर से आरजीआई से जानकारी मांगना सार्थक पहल है. निषाद पार्टी सरकार के इस कदम का स्वागत करती है। लेकिन इस मुद्दे पर तेजी से काम करना होगा.

उन्होंने कहा है कि लखनऊ में आयोजित सयुंक्त रैली में स्पष्ट हो गया था की निषाद समाज की सभी प्रमुख समस्याओ का हल जल्द होने वाला है. आज इस खबर का आना निषाद समाज के लिए सुखद अनुभव है. निषाद समाज अपनी मांग और आरक्षण के मुद्दे पर अडिग है. जिसको लेकर निषाद समाज अपनी नाराजगी के बार सड़क से सदन तक दर्ज करवा चुका है. जब तक आरक्षण का मुद्दा हल नही हो जाता तब तक समाज अपने आवाज को इसी अंदाज में व्यक्त करता रहेगा.

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संजय निषाद ने विपक्षी पार्टियो द्वारा निषाद पार्टी और बीजेपी गठबंधन पर प्रोपगंडा चलाये जाने पर कहा है कि विपक्ष की मानसिकता घृणित है. निषाद का मानना है कि इस गठबंधन से निषाद समाज को आरक्षण मिलेगा. उनका ये भी कहना है कि जब तक इस मुद्दे का हल नहीं हो जाता तब निषाद समाज अपनी आवाज को बुलंद करता रहेगा.

17 दिसंबर को हुई रैली में नाराज हो गए थे संजय निषाद:

लखखऊ में रमाबाई मैदान में 17 दिसंबर को निषाद समाज की रैली हुई थी. जिसमें आरक्षण की उम्मीद में हजारो निषाद आए थे और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे लेकिन रैली के संबोधन के दौरान शाह ने निषाद आरक्षण को लेकर कोई ठोस अश्वासन नहीं जिससे संजय निषाद नाराज हो गए थे.

संजय निषाद ने अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जाहिर की थी. कहा था कि गृहमंत्री आए थे उन्हें निषाद आरक्षण पर कुछ तो बोलना था सिर्फ ये कहने से काम नहीं चलेगा कि सरकार आएगी तो निषाद समाज का मसला हल हो जाएगा. अगर सरकार बनानी है तो निषाद समाज को खुश रखना होगा.

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