UP पंचायत चुनाव ड्यूटी पर लगे शिक्षकों की मौत पर राजनीति गरमाई, आंकड़ों पर बहस
- उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की मौत के आंकड़ों को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है. इस मामले में आकड़ों को लेकर विपक्ष एकजुट सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ दिख रहा है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हाल ही में पंचायत चुनाव खत्म हुए. कोरोना काल में के दौरान ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की मौत के आंकड़ों को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है. इस मामले में आकड़ों को लेकर विपक्ष एकजुट सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ दिख रहा है. आंकड़ों को लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से कहा जा रहा है कि विपक्ष आंकड़ों को बढ़ाकर दिखा रहा है वहीं विपक्ष में सपा नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना है कि योगी सरकार ने आंकड़ों को छिपाया है.
इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है. शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है.
प्रियका गांधी ने बोला हमला, कहा- पंचायत चुनाव में हुए शिक्षकों की मौत पर झूठ बोल रही यूपी सरकार
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश भर में कोरोना योद्धाओं के रूप में सम्मानित खासकर डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाकाल के दौरान हो रही बीमारी व मृत्यू आदि के सम्बंध में सरकारों की घोर अनदेखी व उपेक्षा की खबरें अति-दुःखद. उनकी सुरक्षा आदि के बारे में सरकारों को पूरी तरह से गंभीर होने की सख्त जरूरत. इसी प्रकार, यूपी में पंचायत चुनाव की ड्यूटी निभाने वाले शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की शिकायतें आम हो रही हैं, लेकिन इनकी सही जाँच न होने के कारण इन्हें उचित सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है, जो घोर अनुचित. सरकार इस पर तुरन्त ध्यान दे.
1. देश भर में कोरोना योद्धाओं के रूप में सम्मानित खासकर डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाकाल के दौरान हो रही बीमारी व मृत्यू आदि के सम्बंध में सरकारों की घोर अनदेखी व उपेक्षा की खबरें अति-दुःखद। उनकी सुरक्षा आदि के बारे में सरकारों को पूरी तरह से गंभीर होने की सख्त जरूरत। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) May 19, 2021
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में कहा कि उप्र की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल 3 शिक्षकों की मौत हुई है जबकि शिक्षक संघ का दिया आँकड़ा 1000 से अधिक है. भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है. परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें.
वहीं इन आरोपों को देखते हुए सीएम योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने जवाब में कहा है कि कुछ शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी शिक्षकों की हुई मृत्यु 1621 बता रहें हैं, जो पूर्णतया गलत और निराधार है. इसी भ्रामक सूचना के आधार पर विपक्ष के नेता ओछी राजनीति कर रहें हैं. जिलाधिकारियों ने केवल तीन शिक्षकों की मौत की सूचना निर्वाचन आयोग की दी है,उनके साथ हमारी पूरी संवेदना है, उनके आश्रितों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी तथा अन्य देयकों के भुगतान प्राथमिकता के आधार पर होगा.
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