UP चुनाव नहीं लड़ेगी तृणमूल कांग्रेस, ममता करेंगी SP का प्रचार: किरणमय नंदा

कोलकाता (भाषा). यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया. पार्टी प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार करेंगी. इसकी जानकारी सपा के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने दी. नंदा ने बताया कि ममता सपा के समर्थन में लखनऊ और वाराणसी का दौरा करेंगी और पार्टी के लिए समर्थन जुटाएंगी.
उत्तर प्रदेश से सोमवार को लौटे नंदा ने इस मुद्दे पर बनर्जी के साथ उनके आवास पर एक घंटे तक बैठक की.
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नंदा ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेगी और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में समाजवादी पार्टी का समर्थन करेगी. ममता बनर्जी लखनऊ और वाराणसी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ डिजिटल माध्यम से प्रचार करेंगी. वह आठ फरवरी को लखनऊ में होंगी और एक डिजिटल प्रचार कार्यक्रम में शामिल होंगी. वह फिर अखिलेश जी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करेंगी.
उन्होंने कहा कि बनर्जी फरवरी के अंत में वाराणसी का भी दौरा करेंगी, लेकिन तारीख अभी तय नहीं हुई है.
नंदा ने कहा, "वह (बनर्जी) एक डिजिटल बैठक के लिए वाराणसी जाएंगी." उन्होंने कहा कि कोविड रोधी प्रतिबंधों के कारण चुनाव प्रचार अधिकांशत: डिजिटल रूप से किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीट के लिए सात चरणों में 10 फरवरी से सात मार्च तक मतदान होगा.
नंदा ने कहा कि ममता बनर्जी एक मजबूत नेता हैं और जिस तरह से उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी तथा 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उसे हराया, वह पूरे विपक्ष के लिए एक सबक है. उनकी लड़ाई अभूतपूर्व थी. पूरे देश ने उस लड़ाई को देखा जो उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ी थी.
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने पूछा कि क्या सपा ने तृणमूल कांग्रेस की विधानसभा चुनाव जीत के बाद राज्य में हिंसा का समर्थन किया था.
उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता में लौटेगी और हम जानना चाहेंगे कि क्या समाजवादी पार्टी चुनाव के बाद बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा की गई हिंसा का समर्थन करती है? यदि नहीं, तो उसे इसकी निंदा करनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव के ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध हैं और वह जनवरी 2019 में तृणमूल कांग्रेस की मुखिया द्वारा आयोजित विपक्ष की एक बड़ी बैठक में भी शामिल हुए थे.
पूर्ववर्ती वाम मोर्चा शासन के दौरान पश्चिम बंगाल में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मत्स्य मंत्रियों में से शामिल नंदा ने 2010 में अपनी पश्चिम बंगाल सोशलिस्ट पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया था.
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