बेवजह स्टेरॉयड लेना बना कोरोना मरीजों के लिए मुसीबत, डायबिटीज में बेहद खतरनाक

Smart News Team, Last updated: Mon, 17th May 2021, 9:43 AM IST
  • कोरोना के इलाज में बेवजह स्टेरॉयड का भारी मात्रा में सेवन करना लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनता जा रहा है. स्टेरॉयड सिर्फ हाइपोक्सिक मरीजों को देने में काम आता है. इसके अलावा जिन्हें जरूरत नहीं वह इससे दूर रहें यह कोई एंटीवायरल दवा नहीं है.
बेवजह स्टेरॉयड दवाईयां लेना कोरोना मरीजों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

लखनऊ. कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है. इस जानलेवा फंगस के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ब्लैक फंगस के पीछे का ज्यादातर कारण कोरोना के इलाज में भारी मात्रा में स्टेरॉयड लेना माना जा रहा है. स्टेरॉयड का बेवजह सेवन करना लोगों के लिए अब मुसीबत बन गया है. बता दें कि रेमडेसिविर भी एक स्टेरॉयड है जिसका बेवजह इस्तेमाल भारी पड़ सकता है. इसी को लेकर मेयो क्लीनिक के एमडी विंसेंट राजकुमार ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेरॉयड को लेकर लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया है. 

विसेंट राजकुमार ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को स्टेरॉड के इस्तेमाल की जानकारी दी है. विसेंट का कहना है कि स्टेरॉयड सिर्फ हाइपोक्सिक मरीजों के लिए फायदेमंद है लेकिन इसे शुरुआती स्टेज में देना खतरनाक साबित हो सकता है.

विंसेंट राजकुमार ट्वीटर पर जानकारी देते हुए लिखते हैं कि कोरोना संक्रमण के पहले हफ्ते में वायरस सिर्फ विभाजित हो रहा होता है. ऐसे में स्ट़ेरॉयड का इस्तेमाल से मरीजों का इम्यून सिस्टम पर दबाव ज्यादा हो जाता है. जिसके कारण वायरस तेजी से शरीर में फैलने लगता है. स्टेरॉयड किसी तरह का एंटी वायरल ड्रग नहीं है. उनका कहना है कि रिक्वरी के दौरान ऐसे कई लोगों की मौत हुई है जो हाइपोक्सिक नहीं थे. 

योगी सरकार का फैसला, कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए देगी 5000 रुपए

विंसेंट राजकुमार ने लिखा कि कोरोना संक्रमितों में हाइपोक्सिया मरीज के फेफड़ों में इंफेक्शन होने का संकेत देता है. वहीं संक्रमण के शुरूआती दौर में शरीर में इम्यून सिस्टम वायरस से होने वाले नुकसान को संभाल सकता है. विंसेंट का कहना है, केवल हाइपोक्सिया में किसी मरीज को कम मात्रा में ही स्टेरॉयड दिया जाता है. रिकवरी पीरियड में ज्यादातक 5 दिन तक डेक्सामैथसोन 6mg मरीज को दिया जा सकता है. 

सफाई ना होने पर लखनऊ नगर आयुक्त ने कार्यदायी संस्था पर लगाया चार लाख का जुर्माना

विंसेंट का कहना है कि स्टेरॉयड के हाई डोज या इसका लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर में दूसरे इंफेक्शन को जन्म देता है. ये म्यूकर, दवा प्रतिरोधी फंगल इंफेक्शन और दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खतरे को बढ़ाता है. ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत खराब है. इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. 

CM योगी का आदेश, इस तारीख से शुरू हो स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन क्लास 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें