राम मंदिर के पत्थर तराशना 20 साल बाद फिर हो रहा शुरू, राजस्थान से पहुंचे कारीगर

लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी के लिए कार्यशाला फिर से शुरू होने जा रही है. पिछले बीस सालों से बंद पड़ी कार्यशाला के संचालन के लिए राजस्थान से आधा दर्जन कारीगर यहां पहुंच गए हैं.
राजस्थान से पहुंचे इन कारीगरों ने रामजन्मभूमि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय की मौजदूगी में पहले दिन रविवार को पत्थर कंटिग का परीक्षण किया. अयोध्या के रामसेवकपुरम में स्थापित कटिंग मशीन बंद पड़े-पड़े जाम हो गयी थी. इस मशीन को ठीक करने के लिए एक महीने पहले ही राजस्थान से इलेक्ट्रीशियनों को यहां बुलाया गया था.
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इलेक्ट्रीशियनों ने कटिंग मशीन को तो ठीक कर दिया था लेकिन इस मशीन के कुछ पुर्जे जंग लगने के कारण खराभ हो गये थे. जो कि राजस्थान में ही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक यहां आए कारीगर अपने साथ कटिंग मशीन के उपयोगी पुर्जे भी लेकर आए है. कटिंग मशीन में नये पुर्जे लगाने से मशीन का चक्का ठीक तरह से घूमना शुरू हो गया है.
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आपको बता दें कि राम मंदिर के संशोधित मॉडल के अनुसार करीब साढ़े चार लाख पत्थरों की अभी और जरूरत है. करीब सवा लाख घनफुट पत्थरों से पहली मंजिल के ज्यादातर भाग की तराशी पूरी कराई गई थी. बचे हुए 70-75 हजार घनफुट पत्थर अभी यहां पड़े.
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