गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य आकर्षण होगी राम मंदिर की झांकी

Smart News Team, Last updated: Fri, 22nd Jan 2021, 9:12 AM IST
  • 24 जनवरी तक झांकियों को अंतिम रूप दिया जाना है। इस बार पर्यटन विभाग की झांकी में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ और माघ मेला खास होगा। झांकी के माध्यम से विभाग ने यूपी के पूरे टूरिज्म को कवर करने की कोशिश की है। इसके लिए करीब दस लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि हिंदूओं की तीर्थनगरी को झांकी के रूप में ज्यादातर मुस्लिम युवा बना रहे हैं।
फाइल फोटो

लखनऊ: राजधानी में राम मंदिर की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य आकर्षण होगी। दो आर्किटेक्ट समेत 25 कारीगर इसे तैयार कर रहे हैं। इसे पर्यटन विभाग तैयार करवा रहा है। झांकी में अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी के तीर्थ स्थल को भी दर्शाया जाएगा। झांकियों को 24 जनवरी की रात तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। निर्धारित समय पर काम पूरा करने के लिए कारीगर दिन रात जुटे हैं।

पर्यटन विभाग की झांकी तैयार करवा रहे अली हसन ने बताया कि पर्यटन विभाग की झांकी में यूपी के पूरे टूरिज्म को समेटने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि मुख्य फोकस अयोध्या से राम जन्म भूमि, वाराणसी से काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रयागराज के माघ मेले पर रहेगा। उन्होंने बताया कि 11 जनवरी से करीब 25 कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं। सभी को झांकी के अलग-अलग ब्लॉक को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। झांकी की पहले थ्रीडी डिजाइन तैयार करवाई गई। उसी के आधार पर आर्किटेक्ट की मदद से उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। झांकी पर दस लाख रुपये से अधिक लागत आने की संभावना है। झांकी को प्लाईवुड व अन्य लकड़ियों से तैयार किया जा रहा है।

पर्यटन विभाग के अलावा वन विभाग, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभागों की झांकियां अपने पंडालों में सज रही हैं। स्कूलों की झांकियों को भी पंडालों में अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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20 साल से तैयार कर रहे झांकी

अली हसन ने बताया कि वे अपने कारीगरों के साथ 1995 से झांकी तैयार कर रहे हैं। वह विकास, शिक्षा और अन्य बिंदुओं पर केंद्रित झांकियां बना चुके हैं। लेकिन इस बार की झांकी को यादगार मान रहे हैं। उनका कहना है कि कम दायरे में बहुत कुछ दर्शाने की कोशिश की जा रही है।

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झांकी बनाने वालों में ज्यादातर मुस्लिम युवा

राम जन्म भूमि और हिंदू तीर्थ स्थलों के अलावा अन्य झांकियां तैयार करने वाले ज्यादातर युवा मुस्लिम ही हैं। कारीगर असलम ने बताया कि ज्यादातर लोग फर्नीचर का काम करते हैं, लेकिन झांकियों में हर बार कुछ अलग तैयार करना उनके लिए चुनौती भरा होता है। कोशिश रहती है कि वे हर बार कुछ अच्छा करें, ताकि झांकी लोगों को पसंद आए और पुरस्कार भी जीते।

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