UP में आचार संहिता लगने के बाद शिक्षक भर्ती रुकी, बेरोजगारों को करना होगा इंतजार

Smart Branded Content Desk, Last updated: Sun, 9th Jan 2022, 9:30 AM IST
  • उत्तर प्रदेश राज्य में जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव की तारीख ऐलान कर दिया गया है वहीं, दूसरी ओर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी पाने के लिए अभी और करना होगा इंतजार. विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के कारण आचार संहिता लगने की वजह से 37 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति को रोक दिया गया है.
UP में आचार संहिता लगने के बाद शिक्षक भर्ती रुकी, बेरोजगारों को करना होगा इंतजार

उत्तर प्रदेश राज्य में जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव की तारीख ऐलान कर दिया गया है वहीं, दूसरी ओर बेरोजगारों को चुनावी साल में निराशा हाथ लगी है. बता दें कि, जो भर्ती पहले से चल रही है उनमें संबंधित विभाग के अफसरों को चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी पड़ेगी. शिक्षकों की कौन-कौन सी भर्ती आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण रुकी है. विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के कारण आचार संहिता लगने की वजह से 37 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति को रोक दिया गया है.

कौन-कौन सी भर्ती फंसी

परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नई भर्ती : 17000

69000 भर्ती की चौथी सूची के अभ्यर्थी भी अधर में : 6800

एडेड जूनियर में शिक्षक भर्ती को लेनी होगी अनुमति : 1894

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का भी विज्ञापन टला : 7000

नये सृजित पदों पर भर्ती को करना होगा इंतजार: 1947

राजकीय विद्यालयों की नई शिक्षक भर्ती भी फंसी: 2500

कुल योग 37141

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बात करें ,परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 17 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने 24 दिसंबर को 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती के बाद खाली 17 हजार पदों पर नई भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन दो सप्ताह में भी विज्ञापन जारी नहीं हो सका. इससे पहले भी डॉ. सतीश द्विवेदी परिषदीय शिक्षकों के जिले के अंदर ट्रांसफर, पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रितों को क्लर्क के अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन कोई पूरी नहीं हो सकी.

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69000 सहायक अध्यापक भर्ती के चौथे चरण में चयनित आरक्षित और विशेष आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की भर्ती भी फंस गई है. प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 कुल 1894 पदों पर भर्ती भी प्रभावित होगी. 

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 17 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा का परिणाम 15 नवंबर को घोषित किया गया था, लेकिन डेढ़ महीने बीतने के बावजूद सफल अभ्यर्थियों से ऑनलाइन विकल्प लेते हुए चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी. अब आचार संहिता के दौरान एक कदम भी आगे बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी.

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने दिसंबर में रिक्त पदों की सूचना ऑनलाइन मांगी थी. चयन बोर्ड को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के लगभग पांच हजार रिक्त पदों की सूचना प्राप्त हुई है. 

मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत निर्मित 35 और अल्पसंख्यक विभाग की ओर से प्रधानमंत्री जन विकास योजना में निर्मित 49 कुल 84 राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 1947 पदों पर भर्ती के लिए भी युवाओं को इंतजार करना होगा. माध्यमिक विभाग इन पदों पर नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा आयोग को सूचना भेजता उससे पहले चुनाव की तारीखें घोषित हो गईं.

 

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