अब बंदरों के खौफ के बाद लखनऊ में कुत्तों का आतंक, 150 लोग रोज हो रहे शिकार
- 9 सरकारी अस्पताल में रोजाना 100 से 150 नए लोग कुत्ते के काटने के बाद का इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. गांव के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में ये घटनाएं ज्यादा है. शहर के लगभग सभी बड़े सरकारी अस्पतालों के साथ CHC में भी रैबीज से बचाव का इंजेक्शन मुफ्त लगाया जा रहा है.

लखनऊ: लखनऊ में कुत्तों के साथ-बंदरों ने स्थानीय और राहगीरों की मुसीबतें बढ़ गई है. 9 सरकारी अस्पताल में रोजाना 100 से 150 नए लोग कुत्ते के काटने के बाद का इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. गांव के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में ये घटनाएं ज्यादा है. शहर के लगभग सभी बड़े सरकारी अस्पतालों के साथ CHC में भी रैबीज से बचाव का इंजेक्शन मुफ्त लगाया जा रहा है. वैक्सीन लगवाने वालों को बड़ी भीड़ बलरामपुर अस्पताल में रहती है.
यहां रोजाना 200 से 250 लोग इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक 60 से 70 नए मरीज रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मरीजों की संख्या में कमी आई थी. सर्दियों में मरीजों की संख्या में एकदम से वृद्धि हो गई. अभी भी मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
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राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रोजाना 80 से 90 लोग रैबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें 35 से 40 मरीज नए होते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सबसे ज्यादा मरीज चिनहट, गोमतीनगर पत्रकार पुरम, इंदिरानगर आदि इलाकों से आ रहे हैं. सिविल अस्पताल में 100 से 115 मरीज रैबीज का इंजेक्श लगवाते हैं. इनमें 20 से 30 नए मरीज शामिल हैं. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सबसे ज्यादा कैंट, सदर, रायबरेली रोड से मरीज आ रहे हैं. नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैबीज का इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. प्रत्येक अस्पताल में 10 से 20 मरीज रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं.
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