4 किमी की सड़क बनाने के लिए तीन विभाग आमने- सामने, करोड़ों रुपए किए जाएंगे खर्च
- एक सड़क को बनाने के लिए तीन महकमे उतारू हैं. इस सड़क पर एलडीए ने निर्माण शुरू करा दिया है, जबकि लेनिवि ने टेंडर मंगाकर कंपनी से अनुबंध भी कर लिया है. वहीं नगर निगम उसका प्रस्ताव बना रहा था, लेकिन अब रोक दिया गया है. इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने लिखकर साफ कह दिया है कि यह सड़क विभाग खुद बनाएगा.
लखनऊ. राजधानी के कई पॉश इलाकों में खस्ताहाल सड़कों पर हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ रहा है. उस पर किसी की नजर ही नहीं जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ एक सड़क को बनाने के लिए तीन महकमे उतारू हैं. इस सड़क पर एलडीए ने निर्माण शुरू करा दिया है, जबकि लेनिवि ने टेंडर मंगाकर कंपनी से अनुबंध भी कर लिया है. वहीं नगर निगम उसका प्रस्ताव बना रहा था, लेकिन अब रोक दिया गया है. इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने लिखकर साफ कह दिया है कि यह सड़क विभाग खुद बनाएगा. ऐसे में जो विभागों से बनवा रहा है उसका पैसा बर्बाद होगा और खुद जिम्मेदार होगा.
रायबरेली रोड एल्डिको उद्यान द्वितीय से डेंटल हॉस्पिटल, डीपीएस स्कूल होते हुए संस्कृति एनक्लेव तक जो यहां से अंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर मुख्य मार्ग तक एलडीए ने निर्माण शुरू करा दिया है उसका काम चल रहा है इस बीच खुलासा हुआ है कि इसी रोड के निर्माण का टेंडर और लोक निर्माण विभाग भी करा चुका है.
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नगर निगम ने टाल दी अपनी योजना टाल
लोनिवि के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा ने 20 दिसंबर को एलडीए को एक पत्र लिखा है. मुख्य अभियंता को लिखे पत्र में लिखा है कि जिस सड़क को एलडीए बना रहा है, वह सड़क लोक निर्माण विभाग की है. नगर निगम ने इसे लोनिवि को हैंड ओवर किया है. यहीं नहीं शासन ने 10 अगस्त 2021 को इसके निर्माण की सहमति दी थी, जिसके लिए बजट भी जारी किया था. मामला सामने आते ही नगर निगम ने अपनी योजना टाल दी है. लेकिन अब भी विवाद एलडीए व लोक निर्माण के बीच फंसा है.
एलडीए को लिखा पत्र
सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग में एलडीए को पत्र लिखकर साफ तौर से कह दिया है कि सड़क बनाने पर शासकीय बजट का बड़ा दुरुपयोग होगा. सड़क निर्माण तत्काल रोक दिया जाए. क्योंकि लेनिवि कंपनी से अनुबंधन कर चुका है. किसी प्रकार की शासकीय छत्ती होती है तो आप सीधे तौर पर उत्तरदाई होंगे. लेनिवि के अधिशासी अभियंता ने साफ लिखा है कि अब सड़क लेनिवि को हैंडोवर हो गई थी तो बनाने से पहले एनओसी क्यों नहीं ली गई.
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