लखनऊ: स्कूल बस में महिला स्टाफ का होना जरूरी, ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया आदेश

लखनऊ. राजधानी में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अपनी कार्य योजना तैयारी है. जिसमें पहले चरण में 100 विद्यालयों को शामिल किया गया है. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि छुट्टी के बाद स्कूल बस से घर जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए अब एक महिला की ड्यूटी लगेगी. वह महिला अंतिम बच्चे को घर पहुंचाने तक बस नहीं रहेगी. इसके बाद उसकी ड्यूटी समाप्त होगी.
आपको बता दें कि इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस विद्यालय प्रबंधन, स्कूल वाहन चालकों और अभिभावकों के साथ बैठक कर रही है. इसके अलावा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि स्कूली बस से घर जाने वाले बच्चों की सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की ही होगी और उसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाए. स्कूल बस से घर जाने वाले बच्चों को महिला स्टाफ द्वारा घर के अंदर तक छोड़ा जाएगा ताकि बच्चों के साथ कोई दुर्घटना ना हो.
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डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना तैयार करने का आइडिया एक गैर जनपद में हुई घटना को लेकर आया. उन्होंने बताया कि हाल ही में एक जनपद में स्कूली बस बच्चे को घर छोड़ने के लिए गई थी. बच्चे को घर के सामने बस के नीचे उतार दिया और परिचालक ने उससे घर जाने के लिए कहा. कुछ सेकेंड्स के लिए बस रुकी और चालक का ध्यान भटक गया. इस बीच बच्चा बस के पीछे से नहीं जाकर आगे से निकला और चालक ने बस आगे बढ़ा दी. बस के पहिए के नीचे आने से मासूम बच्चे की मौत हो गई. जानकारी मिलते ही बच्चों की सुरक्षा के लिए हम परेशान हुए और अधिकारियों को मामले की जानकारी देकर बच्चों की सुरक्षा का प्लान तैयार किया. इसके तहत सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिए जा रहे हैं.
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