स्कूल लीडरशिप कार्यक्रम के तहत UP के शिक्षक जाएंगे दूसरे राज्यों के स्कूलों में
_1610361745877_1610361752684.jpg)
लखनऊ. प्रदेश में अध्यापक दूसरे राज्यों के स्कूलों और प्रतिष्ठित संस्थानों में जाकर नवाचार को देखेंगे और उसके बाद उसे अपने स्कूल और जिले में लागू करेंगे. स्कूल लीडरशिप कार्यक्रम के तहत ब्लॉक से सरकारी प्राइमरी या जूनियर स्कूल के प्रधानाध्यापक इंचार्ज शिक्षा को का चयन 15 जनवरी तक किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार प्रधानाध्यापक के चयन के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं. जिस स्कूल में न्यूनतम 80 से 100 बच्चों के नामांकन है और पिछले 3 शैक्षिक सत्रों में नामांकन में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही 70 फ़ीसदी बच्चे स्कूल आते हो. इसके अलावा सामुदायिक सहयोग से स्कूल में सकारात्मक परिवर्तन किया गया हो. जिला या राज्य स्तर पर पुरस्कृत स्कूल को ऑपरेशन कायाकल्प के 14 मानकों पर संतृप्त किया हो और सेट परीक्षा में 50 फीसदी बच्चे ए प्लस या ए श्रेणी में पास हुए हो.
लखनऊ: राजधानी के 12 स्कूलों का संचालन सिर्फ कागजों में, जांच शुरू
इसके अलावा ऐसी प्रधानाध्यापक को वरीयता दी जाएगी जिन्होंने शिक्षकों के नेतृत्व को मौका दिया हो, शिक्षण में सुधार के लिए अपनी योजनाएं बनाते हो. मिशन प्रेरणा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी कोई योजना हो. जिन्होंने संबंधित स्कूल में 3 साल का कार्यकाल पूरा किया हो. यदि कोई मॉडल स्कूल का प्रधानाध्यापक है तो उसे विकसित करने में प्रधानाध्यापक की कोई भूमिका ना हो तो उसका चयन नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि जिन अध्यापकों का नाम भेजा जाएगा उनका राज्य स्तर पर सत्यापन किया जाएगा.
अन्य खबरें
CM पर AAP विधायक सोमनाथ भारती का विवादित बयान- 'योगी की मौत सुनिश्चित'
लखनऊ: राजधानी के 12 स्कूलों का संचालन सिर्फ कागजों में, जांच शुरू
लखनऊ: अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति व राज्यपाल को लिखा पत्र, इच्छा मृत्यु मांगी
सभी जिलों में होंगे चौरी-चौरा कांड के शताब्दी समारोह का आयोजन: यूपी सीएम योगी