यूपी में 15 अगस्त तक होंगी विश्विद्यालय स्तर की परीक्षाएं, प्रैक्टिकल रद्द

Smart News Team, Last updated: Wed, 9th Jun 2021, 12:07 AM IST
  • यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने राज्य के सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों को स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के आखिरी सेमेस्टर की परिक्षाओं को 15 अगस्त तक करवाने, प्रैक्टिकल परीक्षाओं को रद्द करने के लिए निर्देश जारी किए हैं.
यूपी में 15 अगस्त तक होंगी विश्विद्यालय स्तर की परीक्षाएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने राज्य के सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों को स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के आखिरी सेमेस्टर की परिक्षाओं को 15 अगस्त तक करवाने के लिए निर्देश जारी किए हैं. इसी के साथ प्रैक्टिकल परीक्षाओं को रद्द करने और लिखित परीक्षा का समय कम करते हुए तीन घंटे से घटाकर एक से डेढ़ घंटे तक करने के लिए भी निर्देश जारी किए हैं. परिक्षाओं के परिणाम 31 अगस्त तक घोषित किए जाएंगे वहीं 2021-22 के नए सत्र को 13 सितम्बर से शुरू किया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाओं की तारीखों का निर्धारण किया जाएगा. प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं होंगी, उनके अंकों का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर होगा. मौखिक परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी. परीक्षा एवं प्रश्न पत्र के स्वरूप के लिए संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति-कार्य परिषद को अधिकृत किया गया है. परीक्षा प्रणाली का वे सरलीकरण कर सकेंगे. मसलन वे एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को मिलाकर एक ही प्रश्नपत्र बनाने पर विचार कर सकते हैं. बहुविकल्पीय व ओएमआर आधारित या दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पत्र विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बना सकेंगे.

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डॉ. दिनेश शर्मा ने आगे कहा कि यदि कोई विवि अपनी परीक्षा ऑनलाइन करवा सकता है तो यह भी विचारणीय होगा. प्रश्न पत्रों के हल करने की समयावधि आधी होने के कारण प्रश्नपत्र का आकार भी छोटा किया जाएगा मसलन 10 की जगह पांच ही प्रश्न पूछे जाएं. कोरोना संक्रमण के कारण यदि कोई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा तो उसे विशेष परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा. यह प्राविधान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए केवल एक बार लागू होगा. अंकों में सुधार के लिए छात्र 2022 में आयोजित होने वाली बैक पेपर परीक्षा या 2022-23 में आयोजित होने वाली वार्षिक-सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हो सकता है.

सेमेस्टर पद्धति के तहत संचालित किए जाने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए यह व्यवस्थाएं की गई हैं कि जहां स्नातक प्रथम/तृतीय (विषम) व स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकीं है वहां स्नातक द्वितीय/चौथे सेमेस्टर और स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंकों और मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर परिणामों को निर्धारित किया जाएगा. जिन विश्विद्यालयों में विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं वहां मिड टर्म/अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम निर्धारित किए जाएंगे. अगर स्नातक पंचम सेमेस्टर व स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं नही हुई हों, तो अन्तिम सेमेस्टर में प्राप्त अंकों से पूर्व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जा सकते हैं.

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इसके अलावा वार्षिक परीक्षा पद्धति के तहत संचालित पाठ्यक्रम के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं कि ऐसे विश्वविद्यालय जिनमें स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परिक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, उन छात्रों को द्वितीय वर्ष में ट्रांसफर किया जाएगा और 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर उनके प्रथम वर्ष का परिणाम व अंक निर्धारित किए जाएंगे. वहीं स्नातक के दूसरे वर्ष के लिए दो व्यवस्थाएं तय की गई हैं जिनमें ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम व अंक निर्धारित होंगे. छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रमोट किया जाएगा. ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई थी, उनके द्वारा द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं करवाई जाएंगी. स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के छात्रों को उत्तरार्द्ध में प्रमोट किया जाएगा.

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