यूपी चुनाव में हो रही हैं लुभावनी घोषणाएं, लाभार्थी बनेंगे जीत का फैक्टर !

Ankul Kaushik, Last updated: Tue, 25th Jan 2022, 8:44 AM IST
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी सहित विपक्षी दल सपा सहित कई पार्टी वोटरों को लुभावने के लिए घोषणाएं कर रही हैं. वहीं माना जा रहा है कि इन योजनाओं के लाभार्थी यूपी चुनाव में जीत का फैक्टर बन सकते हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022

राजीव ओझा, लखनऊ. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी बीजेपी सहित विपक्षी दल सपा, कांग्रेस और बसपा मतदाताओं को लुभाने के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं कर रही हैं. अब इन योजनाओं के लाभार्थी फिर कसौटी पर हैं और वह चुनाव में जीत का फैक्टर भी माने जा रहे हैं. इन योजनाओं की घोषणाओं को देखते हुए विपक्षी दल सपा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार पिछली योजनाओं का आगे बढ़ा रही है और इस सरकार ने विकास नहीं किया है. वहीं बीजेपी का कहना है कि हमारी सरकार में गांव-गरीब को सीधे लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है. बता दें कि बीजेपी ने प्रदेश की जनता के लिए आवास, शौचालय, गैस सिलिंडर, सस्ता कर्ज, स्वास्थ्य बीमा और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं शुरू की हैं.

वहीं बीजेपी की इन योजनाओं को देखते हुए अखिलेश यादव की सपा यूपी में 300 यूनिट फ्री बिजली, राशन के साथ फ्री में घी , पुरानी पेंशन बहाल करने, वित्त विहीन शिक्षकों को मानदेय, आईटी सेक्टर में 22 लाख रोजगार देने और समाजवादी पेंशन देने जैसी घोषणाओं से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस भी इस चुनाव में पूरी तरह से अपनी ताकत झोंक रही है. कांग्रेस को इस चुनाव में किंग मेकर भी माना जा रहा है. कांग्रेस के घोषणापत्र में महिला सशक्तीकरण और रोजगार के मुद्दे पर कई घोषणाएं हो रही हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में हर साल 20 लाख रोजगार और उसमें महिलाओं को 20 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है.

SP के उम्मीदवारों की लिस्ट पर केशव मौर्य बोले- प्रत्याशियों की सूची नई, अपराधी वहीं

बीजेपी की चुनावी घोषणाओं पर सपा के प्रदेश प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने कहा कि बीजेपी जनता के सामने झूठे दावे करके उसे गुमराह कर रही है. बीजेपी की सच्चाई यह है उसने कोई नया विकास कार्य भी नहीं किया है. अखिलेश यादव के विकास कार्यों का बीजेपी ने श्रेय लिया है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें