हार के डर से विपक्ष खोज रहा बहाना, पहले EVM अब डिजिटल को बता रहा खतराः दिनेश शर्मा
- यूपी चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद से ही सपा डिजिटल को लेकर बयानबाजी कर रही है. जिस पर अब प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में हार के डर से विपक्ष अभी से बहाने खोजने लगा है. वे पहले ईवीएम अब डिजिटल खतरा हो गया है.

लखनऊ (वार्ता). यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों की घोषणा होने के बाद से नेताओं की एक-दूसरे पर हमले तेज हो गए हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी के डिजिटल को लेकर बयानबाजी पर निशाना साधते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का बयान सामने आया है. शर्मा ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के डर से विपक्ष अभी से बहाने खोजने लगा है. वे पहले ईवीएम पर तोहमत मढते थे तो अब चुनाव में डिजिटल को खतरा बता रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि भाजपा के विकासवाद के आगे विपक्ष के परिवारवाद,संप्रदायवाद,क्षेत्रवाद और जातिवाद ढेर हो चुके हैं. चुनाव आते ही जाति धर्म और क्षेत्र के आधार पर लोगों को बांटकर जीत हासिल करने का विपक्ष का फार्मूला अब चलने वाला नहीं है. करीब सात साल पूर्व से जो विकासवाद की अवधारणा आरंभ हुई है तथा केन्द्र और राज्य सरकार के समन्वय ने विपक्ष के परिवारवाद जैसे सभी प्रकार के वाद चलाकर जीतने वाले फार्मूले की धार कुंद कर दी है. अब प्रदेश में केवल विकासवाद ही चलेगा तथा उसी आधार पर भाजपा 2014 के बाद से प्रचंड बहुमत से सभी चुनावों में जीत हासिल कर रही है.
डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा बसपा कांग्रेस सहित तमाम दलों के चुनाव चिन्ह भले ही अलग हैं पर इनका दिल दिमाग सिद्धान्त नीति उद्देश्य एक हैं. वे येन केन प्रकारेण सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं पर उनका यह सपना पूरा नहीं होने वाला है. भाजपा अपना जीत का पिछला रिकार्ड भी तोडेगी. विधानसभा में विपक्ष के विधायकों की संख्या 2017 से भी कम हो जाएगी.
उन्होने कहा कि भाजपा जाति के आधार पर कोई काम नहीं करती है. भाजपा ने सबका साथ सबका विकास के मंत्र के आधार पर सरकार चलाई है. इस दौरान हर वर्ग के लोगों के लिए काम हुआ है. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ है. विरोधी दल जाति और धर्म के आधार पर केवल चुनावी राजनीति के लिए गठजोड करते हैं. भाजपा ने सभी जातियों व धर्मों के लिए काम किया है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव की घोषणा के पूर्व कुछ दल तो सभा भी नहीं कर पाए. कुछ की सभाओं में भीड ही नहीं आई जबकि भाजपा की सभाओं ऐसा जन सैलाब उमडा जिसे देखकर विपक्ष को ठंड में भी पसीना छूट गया. भाजपा की जनविश्वास यात्राओं में आई भीड ने सरकार के प्रति जनता के भरोसे की पुष्टि कर दी है. इस बार की यात्राओं का स्वागत मतदाताओं के उस वर्ग ने भी किया जो भाजपा का परम्परागत मतदाता नहीं रहा है. भाजपा को मिला जनसमर्थन विपक्ष की घबराहट का कारण है. इसीलिए आज वो अपनी हार के डर से पहले से ही बहाना खोज रहे हैं.
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