अखिलेश का आरोप, SP की सभाओं में भीड़ से घबरा BJP के अनुकूल प्रचार की इजाजत

लखनऊ (भाषा).यूपी विधान सभा 2022 की तारीखों का ऐलान होने के बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. अब इस बीच कोरोना के चलते चुनाव आयोग के डिजिटल प्रचार पर विपक्ष लगातार हमला बोला रहा है. समाजवादी पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए चुनाव आयोग के आदेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा की जनसभाओं में उमड़ते जनसैलाब से घबराकर भाजपा के अनुकूल व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके बाद भी मतदाता यूपी के चुनाव में समाजवादी पार्टी को ही चुनेगा.
अखिलेश ने यहां पार्टी राज्य मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की जनसभाओं में उमड़ते जनसैलाब से घबराकर पार्टी के अनुकूल व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मगर मतदाता साइकिल पहचानता है. वह साइकिलका बटन ही दबाएगा.
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हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका इशारा किस तरफ है और वह किन व्यवस्थाओं की बात कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उनका यह बयान चुनाव आयोग के उन आदेशों पर तंज है जिनके तहत कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 जनवरी तक प्रदेश में सभी चुनावी रैलियों और यात्राओं पर रोक लगा दी गई है.
अखिलेश ने दावा किया कि जनता समाजवादी पार्टी को भाजपा का विकल्प मानती है. जनता इस बार भाजपा का सफाया करके सपा की सरकार लाएगी.
उन्होंने कहा कि सपा सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है और उसने विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है. उन्होंने कहा कि इस बार जनता पुराने मुद्दों पर वोट नहीं देगी. यादव ने कहा कि भाजपा ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे जिन किसानों को आतंकवादी कहा था, अब चुनाव में वोट के लिए उनकी पूजा कर रही है. किसान जानता है कि भाजपा धोखा दे रही है.
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा का हर वादा झूठा निकला और उसके विज्ञापन भी झूठे हैं.
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