यूपी चुनाव से पहले जानें पिछले 5 सालों में कितनी कम हुई उत्तर प्रदेश में नौकरियां, देखें आंकड़े

Ankul Kaushik, Last updated: Tue, 11th Jan 2022, 11:15 AM IST
  • उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनवों से पहले सीएमआईई ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं. सीएमआईई के इन ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल में प्रदेश में बड़ी संख्या में नौकरियों में कमी आई है.
सीएमआईई ने जारी किए नॉकरी के आंकड़े

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों में कोरोना काल में हुए बेरोजगारी के आंकड़े चुनाव पर प्रभाव डाल सकते हैं. पिछले पांच साल में उत्तर प्रदेश में काफी नौकरियां कम हुई हैं. इसके साथ ही सीएमआईई के इन आंकड़े के अनुसार यूपी में बेराजगारी दर साल 2016 के मुकाबले साल 2021 तक 6 प्रतिशत तक गिरी है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी में सितंबर-दिसंबर 2016 में 38.5 प्रतिशत लोग नौकरी करते थे जो सितंबर-दिसंबर 2021 में कम होकर महज 32.79 प्रतिशत पर पहुंच गए हैं. इन आंकड़ो के अनुसार यूपी में पांच साल पहले 14.95 करोड़ कामकाजी उम्र की आबादी में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और यह साल 2021 दिसंबर तक 2.12 करोड़ बढ़कर 17.07 करोड़ पहुंच गई है.

साल दिसंबर 2016 और दिसंबर 2021 के बीच, भारत का LFPR 46 प्रतिशत से गिरकर 40 प्रतिशत और रोजगार दर 43 प्रतिशत से गिरकर 37 प्रतिशत हो गया है. वहीं भारत की कुल कामकाजी उम्र की आबादी 12.5 प्रतिशत बढ़कर 96 करोड़ से 108 करोड़ हो गई है. इस रिपोर्ट पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर हिमांशु शर्मा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2016 से अपनी विकास गति खो रही है और नोटबंदी, जीएसटी और कोविड महामारी इसकी वजह है.

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ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.28 प्रतिशत रही जो कि नवंबर महीने में 6.44 फीसदी थी. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत थी जबकि नवंबर, 2021 में 8.21 प्रतिशत थी. वहीं चुनाव से पहले इन आंकड़ों से एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

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