यूपी चुनाव से पहले पीस पार्टी और ओलामा काउसिंल का गठबंधन, सपा, AIMIM समेत कई दलों की बढ़ सकती है चिंता
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब और राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने हाथ मिलाकर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस का गठन किया है. खास बात है कि दोनों पार्टियों का मुख्य वोटबैंक मुस्लिम है और ऐसे में इनका रणभूमि में AIMIM और समाजवादी पार्टी समेत मुस्लिमों वोटरों को लुभाने में लगी पार्टियों के लिए चिंता की बात हो सकती है.
लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सभी दल अपनी जीत के लिए हर तरह से जुगत लगाते दिख रहे हैं. ऐसे में साल 2012 विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरकर चार विधानसभा सीट जीतने वाली पीस पार्टी एक बार फिर साल 2022 से ठीक पहले चर्चा में है. आगामी चुनाव को देखते हुए डॉक्टर अय्यूब की पीस पार्टी ने मौलाना आमिर रशादी के राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के साथ गठबंधन कर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस का गठन किया है. मौलाना आमिर रशादी और डा.अय्यूब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जानकारी दी है. खास बात है कि इस गठबंधन का असर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसी उन पार्टियों पर पड़ सकता है जो पहले ही मुस्लिम वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश में लगी है.
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस के गठन के बाद पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अय्यूब ने कहा कि लोगों ने यूपी में प्रियंका गांधी की कांग्रेस का सेक्यूलरवाद, अखिलेश यादव की सपा का लोहियवाद और भाजपा का हिन्दुत्ववाद देख लिया है. इन सभी ने जनता के वोटों का सिर्फ इस्तेमाल किया. हमारा गठबंधन यूपी की जनता को सेक्यूलर जनतांत्रिक नेतृत्व देगा.
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वहीं राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के अधयक्ष मौलाना आमिर रशादी ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दोनों दलों के गठबंधन को लेकर कहा कि हम दोनों पार्टियों का किसी दूसरी पार्टी से निकाले जाने पर यह गठबंधन नहीं हुआ है. मौलाना आमिर रशादी ने आगे कहा कि 74 वर्षों मे जिन भी पार्टी ने हुकूमत की वह सभी को पीने का साफ पानी भी मुहैया नहीं करवा सके.
साल 2012 में चार पीस पार्टी के चार विधायकों ने फहराया था जीत का परचम
डॉ अय्यूब ने साल 2008 में पीस पार्टी का गठन किया. पहली बार साल 2012 में विधानसभा चुनाव में नई पार्टी के साथ उतरे और अच्छा प्रदर्शन करते हुए चार विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. इन सीटों पर खलीलाबाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अय्यूब, कांठ से अनीसुर्रहमान, डुमरियागंज से कमाल यूसुफ और रायबरेली से अखिलेश सिंह चुनाव जीते थे. हालांकि, बाद में बाकी तीनों विधायकों ने किसी कारण पीस पार्टी छोड़ दी थी. साल 2017 में पीस पार्टी को एक भी सीट पर सफलता हासिल नहीं हो पाई.
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दूसरी ओर साल 2008 में ही राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल का गठन हुआ. साल 2012 का चुनाव काउंसिल ने करीब 120 सीटों पर लड़ा था. साल 2017 के चुनाव में काउंसिल ने अपना समर्थन बसपा को दे दिया था.
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