UP बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर वॉकआउट के बाद विपक्ष और सरकार ने दी सफाई
- उत्तर प्रदेश बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के खिलाफ विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. सदन से तिलक हॉल पहुंचकर सपा के रामगोविंद चौधरी समेत कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा और बसपा के लालजी वर्मा ने बयान दिए. वहीं वित्त मंत्री ने भी सरकार का पक्ष रखा.

लखनऊ. यूपी बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा में हंगामा हो गया. राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने नारे लगाने शुरू कर दिए और सदन से वॉकआउट कर गया. वहीं अब आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. सपा के रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपना भाषण नहीं पढ़ना चाहती थीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बहुत मनाया तब वह अपना अभिभाषण पढ़ने के लिए तैयार हुईं.
रामगोविंद चौधरी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार बेलगाम हो गए हैं. महंगाई अपने चरम पर है. सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. वहीं प्रदेश में जंगलराज है.
हाईकोर्ट और सुप्रीमकोईट पहले ही कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं है. सपा नेता ने कहा कि सरकार में नैतिकता हो तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए. सदन में हमने किसान आंदोलन में शहीद हुए 200 किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रस्ताव रखा लेकिन सरकार ने इसे नहीं स्वीकार किया. सरकार किसान विरोधी है इसलिए विपक्ष ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए.
UP बजट सत्र शुरू, विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण का किया विरोध, सदन से वॉकआउट
वहीं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि आज से विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हुआ है और राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की नीतियों का पन्ना होता है. आज जिस तरह से विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया. इसी के साथ राज्यपाल पर कई गलत भाषाओं का इस्तेमाल किया गया वह निंदनीय है. विपक्ष को विकास या सुशासन में रुति नहीं है.
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्षी दलों के आचरण को उचित नहीं बताया जा सकता है जो विपक्ष सरकार और राज्यपाल के अभिभाषण को सुन नहीं सकता है उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है.
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कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा ने भी सदन से वॉकआउट करने को लेकर कहा कि किसान आंदोलन में यूपी के किसान सबसे ज्यादा मरे हैं और राज्यपाल के अभिभाषण में इसपर शोक संवेदना व्यक्त की जानी चाहिए थी लेकिन वहां इसका जिक्र भी नहीं हुआ. इसी के साथ उन्नाव की घटना भी बेहद शर्मनाक है और हम इसकी न्यायिक जांच की मांग करते हैं.
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बसपा के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर तिलक हॉल पहुंचने पर कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए औऱ एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देनी चाहिए. विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा प्रदेश में अपराधी बेलगाम हैं और आम जनता भयभीत है. वहीं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सरकार की बयानबाजी तक ही सीमित है.
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