यूपी में कोयला संकट, पारीछा प्लांट से बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद, शटडाउन
- उत्तर प्रदेश में कोयला संकट के चलते रविवार को पारीछा प्लांट की इकाइयों को रिजर्व शटडाउन दे दिया गया. बताया जा रहा है कि बारिश के चलते राज्य में बिजली की मांग कम रही और पारीछा प्लांट में आधे दिन का कोयला बचा इसलिए रविवार को प्लांट की यूनिटों को शटडाउन दे दिया गया.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोयला संकट छाया हुआ है जिससे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के हरदुआगंज और पारीछा प्लांट में भी कोयले की कमी लगातार बनी हुई है. इसी बीच रविवार की शाम को पांच बजे के बाद जैसे ही राज्य में बिजली की मांग कम हुई पारीछा प्लांट की इकाइयों को रिजर्व शटडाउन दे दिया गया. बारिश के चलते आगे भी बिजली की मांग कम रहने की आशंका है जिसके चलते पारीछा प्लांट के रिजर्व शटडाउन की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है. जानकारी अनुसार हरदुआगंज और पारीछा प्लांट में आधे-आधे दिन का ही कोयला शेष बचता है. जबकि ओबरा और अनपरा को एनसीएल से पर्याप्त कोयला नियमित रूप से मिल रहा है.
पावर कारपोरेशन से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को अनपरा के पास 1.25 दिन और ओबरा के पास 2.0 दिन का कोयला शेष था लेकिन पारीछा प्लांट में आधे दिन का कोयला बचता है जिससे बिजली की मांग कम होते ही रविवार को प्लांट की यूनिटों को शटडाउन दे दिया गया. उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि रविवार की शाम को राज्य में बिजली की मांग 10500 मेगावाट पर आ गई थी जो शनिवार की तुलना में 2500 मेगावाट कम थी. इसलिए पारीछा को रिजर्व शटडाउन दे दिया गया.
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पी. गुरुप्रसाद आगे बताया कि अनपरा और ओबरा की इकाइयां जो कि एनसीएल के करीब हैं वहां पर कोयले की सप्लाई निरंतर बनी हुई है. इन दोनों इकाइयों को प्रतिदिन करीब 14 रेक कोयला मिल रहा है वहीं हरदुआगंज और पारीछा जो कि कोल खदानों से दूर हैं वहां बीसीसीएल और सीसीएल से कोयले की आपूर्ति होती है. इन दोनों उत्पादन गृहों के लिए पांच रेक कोयला आ रहा है. उन्होंने बताया कि स्थितियां धीरे धीरे सामान्य हो रही हैं. स्टॉक नहीं बन पा रहा है लेकिन सभी प्लांट को चालू रखने के लिए नियमित कोयला मिलने लगा है.
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की तरफ से यूपी की बिजली परियोजनाओं में कोयला स्टाक को लेकर रविवार को आए अपडेट के मुताबिक अनपरा, प्रयागराज, एनटीपीसी की ऊंचाहार और टांडा परियोजना में एक दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है. उतरौल और मेजा परियोजना में दो दिन का कोयला स्टाक है. ओबरा, दादरी में तीन दिन का कोयला बचा है. सभी परियोजना शटडाउन लेने की कगार पर हैं.
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