वेतन और पेंशन को लेकर यूपी जल निगम के कर्मचारी 16 फरवरी से करेंगे अनशन
- उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. समिति के सलाहकार आर.एस. शुक्ल, वाई. एन. उपाध्याय और संयोजक डी.पी. मिश्र ने जल निगम मुख्यालय में बुधवार को अयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जल निगम ही हालत इस कदर खस्ताहाल है कि निगम के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को पिछले पांच महीनों से वेतन भुगतान नहीं किया गया है. पेंशन भोगियों को मिलने वाली अन्य लाभ भी नहीं मिल रही. इसके साथ ही मृत कर्मचारियों के परिवार के किसी सदस्य को मिलने वाले अनुकंपा पर नियुक्तियां भी ठप पड़ा हुआ है. इन सभी समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. समिति के सलाहकार आर.एस. शुक्ल, वाई. एन. उपाध्याय और संयोजक डी.पी. मिश्र ने जल निगम मुख्यालय में बुधवार को अयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी.
इस प्रेस वार्ता में जल निगम संघर्ष समिति के मिडिया प्रभारी नौशाद अहमद और अजय पाल सोमवंसी भी मौजूद थे. जल निगम के कर्मचारियों के नेताओं ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार के ध्यान में इन समस्याओं को लाने के लिए ही हमलोगों ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने का निश्चय किया है. जिसके तहत कर्मचारियों द्वारा हर जिले में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे. इसके बाद निगम मुख्यालय पर 16 फरवरी से 22 फरवरी तक क्रमिक रूप से अनशन किया जाएगा.
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इसके बाद भी अगर सरकार हमारी बात नही सुनती है, तो 23 फरवरी से समिति के सलाहकार वाई.एन. उपाध्याय आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. वाई.एन. उपाध्याय पत्रकारों से निगम के कर्मचारियों के समस्याओं और कष्टों को बताते हुए रो पड़े. उपाध्याय ने बताया कि निगम में करीब दस हजार वेतन भोगी कर्मचारी और अधिकारी हैं. इनके अलावा करीब पंद्रह हजार पेंशनभोगी हैं.
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जिसमें हर महीने वेतन और पेंशन भुगतान में करीब 70 से 72 करोड़ का व्यय आता है. लेकिन पिछ्ले पांच महीनों से इन कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को भुगतान नहीं किया गया है. उन्होने बताया कि जहां एक तरफ रिटायर हो रहे और हो चुके वृद्ध अवस्था में पेंशन ही इनके दवाई और अन्य खर्च का साधन होता है. वहीं दूसरी तरफ वेतन भोगियों को पांच महीनों से वेतन ना मिलने के कारण रोटी, बच्चों की शिक्षा और रोजमर्रा के खर्चे का संकट गहरा गया है.
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