लखनऊ लॉकडाउन में गाड़ी मालिक परेशान, महीनों से बंद पड़े हैं वर्कशॉप और गैराज

Smart News Team, Last updated: Sat, 29th May 2021, 9:52 PM IST
  • लखनऊ में तकरीबन 1500 वर्कशॉप व गैराज हैं जहां करीब 12 हजार मेकेनिक और मजदूर काम करते हैं. डेढ़ महीने से गैराज बंद है, कोई काम धंधा नहीं है. अब स्थिति ऐसी है कि कई परिवारों में राशन तक खत्म होने की नौबत आ गई है. बीते डेढ़ माह में करीब 75 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है.
महीनों से बंद पड़े हैं वर्कशॉप और गैराज

लखनऊ। यूपी में कोरोना कफ्र्यू के चलते विभिन्न सर्विस सेंटरों के गैराज और वर्कशॉप पर ताले लगे हुए हैं. जिसके कारण जिन लोगों के पास दो या चार पहिया वाहन हैं उन्हे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वाहनों के खराब हो जाने पर उन्हें कहीं आने जाने में काफी दिक्कत सामने आ रही है.

राज्य के ऑटोमोबाइल डीलर्स और वर्कशाप संचालकों का कहना है कि लखनऊ में प्रतिदिन तकरीबन 10 हजार दो पहिया और चार पहिया वाहनों की सर्विस की जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते गैराज और वर्कशॉप को बंद करना पड़ा है. पिछले डेढ़ माह से रोजाना वाहनों की सर्विस कराने के लिए ग्राहकों फोन कर रहे हैं लेकिन हम उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं.

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इसी संबंध में कल्याण मोटर्स के मालिक सुमित कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने स्टाफ को खतरे में डालना नहीं चाहते मगर लोगों को हो रही असुविधा की भी फिक्र है. रोजाना कई कॉल आती हैं. जिला प्रशासन को मोबाइल सर्विस वैन के माध्यम से घर-घर जाकर वाहनों की इमरजेंसी सर्विस की मंजूरी देनी चाहिए.

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लखनऊ के बालागंज स्थित कृष्णा मोटर्स के मालिक सौरभ यादव कहते हैं कि हमारे पास सर्विस के लिए रोजाना कई फोन आते हैं. किसी को अस्पताल जाना होता है तो कोई दूसरी इमरजेंसी बताता है. ज्यादा परेशानी डाक्टर, पुलिस, निगमकर्मी, बैंककर्मी आदि को हो रही है जिन्हें कोरोनाकाल में भी घर से निकलना होता है.

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लखनऊ में तकरीबन 1500 वर्कशॉप व गैराज हैं जहां करीब 12 हजार मेकेनिक और मजदूर काम करते हैं. डेढ़ महीने से गैराज बंद है, कोई काम धंधा नहीं है. अब स्थिति ऐसी है कि कई परिवारों में राशन तक खत्म होने की नौबत आ गई है. बीते डेढ़ माह में करीब 75 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है.कोरोना संकट काल के दौरान डीलर्स व वर्कशाप संचालक कई अलग-अलग समस्याओं से जूझ रहे हैं. उनके गैराज और फिक्स का खर्च बढ़ता जा रहा वहीं बैंक ईएमआई आदि भी चुकाना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे ग्राहकों को भी बहुत परेशानी हो रही है.

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चिनहट के एक ग्राहक राहुल ने गैराज वगैरह बंद होने पर कहा कि मेरी कार पिछले 15 दिनों से खराब है. दो बार सर्विस सेंटर पर फोन किया लेकिन कोरोना कफ्र्यू खुलने के बाद सर्विस करने को कहा गया. इससे काफी दिक्कत हो रही है. वहीं डालीगंज के अशफाक खान ने कहा कि मेरी कार सेल्फ स्टार्ट नहीं होती है. सर्विस सेंटर बंद होने से काफी दिक्कत है. सरकार को गैराज व वर्कशॉप खोलने की अनुमति देनी चाहिए.

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