किसान आंदोलन की आशंका में लखनऊ में 5 सितंबर तक धारा 144 लागू, रैली-जुलूस पर पाबंदी
- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसानों के धरने और कई त्योहारों को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है. लखनऊ में विधानसभा भवन के एक किलोमीटर के दायरे में ट्रेक्टर ट्राली और बेल गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत में लाखों किसान जुटने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार सतर्क हो गई है. किसान संगठनों ने यूपी व केंद्र सरकार को देशभर में आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजधानी लखनऊ में सितंबर से अक्टूबर महीने तक धारा 144 लागू कर दी है. लखनऊ विधानसभा के एक किलोमीटर के दायरे में प्रशासन ने ट्रेक्टर ट्रॉली और बेल गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. लखनऊ संयुक्त पुलिस आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि त्यौहार और किसान आंदोलन को देखते हुए शांति व्यवस्था के लिए धारा 144 लागू की गई.
लखनऊ में धारा 144 लागू होने के बाद कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस राष्ट्रिय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी का भी 10-11 सितंबर को लखनऊ दौरा है जिस वजह धारा 144 पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये जा रहे हैं. हालांकि लखनऊ पुलिस प्रशासन का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में कई पर्व हैं जिस वजह से लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसके अलावा राजधानी लखनऊ में कई प्रवेश परीक्षा आयोजित होनी है.
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मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के बाद से यूपी पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है. महापंचायत के मंच से किसानों ने सरकार को देशभर में किसान आंदोलन की चेतावनी दी है. किसानों का कहना है की जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे किसान देशभर में आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही किसानों ने उत्तर प्रदेश में भी कई किसान माहापंचायत करने की भी धमकी दी है किसानों का कहना है कि वर्तमान की योगी आदित्यनाथ सरकार किसान विरोधी है जिस कारण सरकार के को 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाया जायेगा.
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लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त पियूष मोर्डियो ने कहा है की अगले अक्टूबर महीने की पांच तारिख तक सभी प्रकार के जुलूसों पर रोक लगाई गई है. इस दौरान लखनऊ में किसी भी स्थान पर पांच या पांच से अधिक लोगों को एक साथ इकठ्ठा होने पर पाबन्दी रहेगी.
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