UP पंचायत चुनाव: दिग्गजों को झटका, मुलायम समेत कई अपने इलाके में नहीं दिखा पाएंगे दबदबा, जानें क्यों

Smart News Team, Last updated: Mon, 8th Mar 2021, 5:24 PM IST
  • यूपी पंचायत चुनाव 2021 में पहली बार पूर्व सांसदों, विधायकों के ग्राम पंचायत में आरक्षण लागू हुआ. साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यम्नत्री मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्राम पंचायतों में आरक्षण रोटेशन को लागू किया गया है.
UP पंचायत चुनाव: दिग्गज नेताओं को झटका, मुलायम समेत कई अपने इलाके में नहीं दिखा पाएंगे दबदबा

लखनऊ. यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण की सूचि जारी कर दी गई है. जिसके बाद से राजनितिक दलों में खलबली मच गई है. वही नहीं आरक्षण प्रक्रिया का पालन करते हुए पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ के ग्राम पंचायतों को भी पहली बार आरक्षण के अंतरगर्त लिया गया है. इतना ही नहीं इस बार प्रदेश के सांसदों और विधायकों की ग्राम पंचायतों को भी पहली बार आरक्षण प्रक्रिया के अंतरगर्त लिया गया है. वही इस आरक्षण सूचि को किसी भेदभाव के जारी किया गया है.

इस नई आरक्षण सूचि में मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में प्रधान व ब्लॉक प्रमुख की आरक्षण प्रक्रिया में अनुसूचित जाति को सीट दिया गया है. वही ये आरक्षण निति के चलते समाजवादी पार्टी को पहली बार वहां पर दलित उम्मीदवार उतरने होंगे. वही वहां पर 1995 के बाद से कोई अनुसूचित जाति के प्रधान नहीं चुने गए है. जहां पर पहली बार अनुसूचित जाति के प्रधान चुने जाएंगे. वही सपा इसक अविरोध भी नहीं कर सकती है क्योकि सीएम योगी आदित्यनाथ के इलाके में भी आरक्षण प्रकिया के तहत सीटे निर्धारित की गई है.

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यूपी के पंचायती चुनाव में आरक्षण को लागू पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत 1995 के पंचायत चुनाव से शुरू किया गया. जिसके तहत सभी कैटेगरी  की महिलाओं को 33 प्रतिशत, 27 फीसद अन्य पिछड़ा वर्ग और 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति व एक फीसद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. जिसके तहत ही राज्य के पंचायती चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया के तहत सीटों का निर्धारण किया जाता है.

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