UP पंचायत चुनाव: 2015 की तरह हो रहे आरक्षण आंवटन पर दोगुना आपत्तियां दर्ज, बदलेगी सूची
- उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में हाईकोर्ट के आरक्षण आंवटन फैसले के बाद लगभग 1000 आपत्तियां दर्ज हुई है. इन आपत्तियों में सबसे ज्यादा प्रधान पद के लिए है. 2015 में कुल 671 आपत्तियां ही दर्ज हुई थी.

लखनऊ: पंचायत चुनाव में आरक्षण आवंटन पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद लगभग 1000 आपत्तियां दाखिल हुई है. इसमें से 958 आपत्तियां प्रधान पद के लिए दर्ज की गई है. आपत्तिकर्ताओं के आपत्तियों में एक खास बात की चर्चा है कि उनकी पंचायत के लिए प्रस्तावित आरक्षण आंवटन को गलत तरीके से किया गया है. लोगों ने अपील की है कि आरक्षण आंवटन में बदलाव किया जाए. बता दें कि चार दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 के आधार पर पंचायत चुनाव में आरक्षण का फैसला किया था.
प्रधान पद के लिए सबसे ज्यादा आपत्तियां
हाईकोर्ट के फैसले के बाद लोगों को पंचायत चुनाव में आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया गया था. 2015 के मुकाबले इस बार ग्रामीणों ने रिकार्ड एक हजार दर्ज कराई. आपत्तियों में ग्राम प्रधान, प्रमुख, बीडीसी, डीडीसी के के पद शामिल है. इस बार एक हजार आपत्तियों में से 958 आपत्ति प्रधान पद के दर्ज हुई. इसमें कई पंचायत पर 10 से 50 आपत्तियां दर्ज हुई है.
लखनऊ: गड़बड़झाला बाजार के पास दुकानों में भीषण आग, हर तरफ धुंआ, कई घंटे बाद बुझी
कहा कितनी आपत्तियां
इस बार सबसे अधिक 312 आपत्तियां बीकेटी में आई है. इसके बाद नगवामऊ कला और उसरना में 50-50 आपत्तियां आई है. वहीं मलिहाबाद ब्लाक में करीब 100 आपत्तियां आई है जिसमे सबसे अधिक 33 आपत्तियां पंचायत सेंधरवा के प्रधान पद के लिए आई है. यह सीट महिला कोटे में चली गई है. वहीं गौंदा मुअज्जमनगर में प्रधान पद अनारक्षित करने के समर्थन में 44 आपत्तियां दर्ज हुई है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर लखनऊ DM ने रेन डांस पार्टी पर लगाई रोक, आदेश जारी
69000 शिक्षक भर्ती के 4 हजार खाली पद वर्तमान मेरिट लिस्ट से भरे जाएंगे
अन्य खबरें
क्यों मनाई जाती है शब-ए-बारात, जानें क्या है खास
इग्नू शुरू करने जा रहा बागवानी और थिएटर कोर्स, 31 मार्च तक कर सकते हैं आवेदन
1 अप्रैल से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सफर महंगा, जानें कितना देना होगा टोल टैक्स
होटल में बॉयफ्रेंड संग गई लड़की, प्रेमी ने की उसकी हत्या फिर खुद लगा ली फांसी