15 साल से प्लानिंग, प्लाटिंग करके फर्जी IPS ने मशहूर ज्वैलर से ठगे 3 करोड़ के जेवर, कैसे ?

Smart News Team, Last updated: Sat, 4th Sep 2021, 4:41 PM IST
  • यूपी की राजधानी लखनऊ में मशहूर ज्वैलर के साथ 3 करोड़ की ठगी करने वाला मास्टरमाइंड 15 साल से इसकी प्लानिंग में लगा था. सालों तक उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर सर्राफ को झांसे में लिया और एक साथ ही करोड़ों का माल लेकर चंपत हो गया. जब सुनार ने पैसा मांगा तो पुलिस अफसर का रौब तो दिखाया ही, पैसा देने और जेवर लौटाने से भी साफ इनकार कर दिया. आखिरकार महाराष्ट्र कैडर का ये फर्जी IPS यूपी पुलिस एटीएस के हत्थे चढ़ गया. 
15 साल से प्लानिंग, प्लाटिंग कर फर्जी IPS ने मशहूर ज्वैलर से ठगे 3 करोड़ के जेवर

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में ठगी का ऐसा मामला सामने आया जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. एक ज्वैलर के साथ हुई इस तीन करोड़ की ठगी उसी के एक जानकार खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताने वाले एक ग्राहक ने की. सबसे बड़ी बात है कि ठगने वाले ग्राहक इस अपराध की प्लानिंग 15 साल से कर रहा था. इससे पहले उसने लगातार ज्वैलर को विश्वास में हासिल भी किया और सही समय आते ही इस वारदात को अंजाम दे दिया. फिलहाल ठग को यूपी पुलिस एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है.

गौरतलब है कि विश्वास के साथ करोड़ों की ठगी की इस कहानी की शुरुआत साल 2003 में हुई. आरोपी राजीव सिंह के पिता बृजेंद्र सिंह भी पुलिस इंस्पेक्टर रह चुके हैं जो हाल ही में सीतापुर में सेवा देने के बाद रिटायर हुए हैं. शुरुआत यानी 2003 में आरोपी राजीव की मां अमीनाबाद में मोहनश्याम ज्वेलर्स के मालिक और पीड़ित ज्वैलर नितेश रस्तोगी की दुकान पर आती थीं. साल 2005 से राजीव का भी दुकान पर आना-जाना हो गया. इस दौरान ही आरोपी राजीव के पिता ने ज्वैलर को बताया था कि उनका बेटा आईपीएस बन गया है. इसके बाद सर्राफ की दुकान पर आरोपी के परिवार का जाना-आना लगा रहता.

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फर्जी आईपीएस ने ऐसे जमाया विश्वास

काफी दिनों से ग्राहक होने की वजह से ज्वैलर ने भी विश्वास कर लिया और जरूरत पड़ने पर आरोपी के परिवार को उधार भी देने लगा. कई बार आरोपी के परिवारवाले लाखों के जेवर की वहां से खरीदारी करते जिसके बाद कुछ दिनों बाद ही आरोपी ज्वैलर को चेक सौंप देता. इसी वजह से कभी किसी का शक भी ज्वैलर को उनपर नहीं हुआ. हालांकि, पिछले साल आरोपी राजीव ने खरीदारी और उधारी की लिमिट बढ़ाकर जुलाई में 67 लाख और दिसंबर महीने में एक करोड़ 95 लाख की ज्वैलरी खरीदी.

चेक दे दिए लेकिन बैंक में लगाने से मना करता रहा

सभी कुछ उधार मिलाकर आरोपी राजीव को ज्वैलर का तीन करोड़ 17 लाख चुकाना था. इसके लिए आरोपी ने ज्वैलर को कुल राशि के सात अलग-अलग चेक दिए. हालांकि, काफी समय तक आरोपी राजीव कोई न कोई बहाना लगाकर ज्वैलर से उन चेक को बैंक में लगाने से मना करता रहा. समय बीतता गया और आखिरकार पीड़ित ज्वैलर नितेश ने आरोपी को फोन करना शुरू किया तो इस दौरान भी वह बहाने बनाता रहा. जब पीड़ित ने ज्यादा तकादा शुरू किया तो आरोपी ने अपने आईपीएस होने का रौब दिखाकर पैसे और जेवर ना देने की धमकी दी.

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पीड़ित सर्राफ नितेश रस्तोगी ने महानगर कोतवाली ने इस संबंध में केस दर्ज कराया. एटीएस ने फर्जी आईपीएस बनकर जालसाजी कर रहे राजीव सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के पास से जेवर (5.743 किग्रा) समेत डीसीपी क्राइम ब्रांच मुंबई का फर्जी परिचय पत्र मिला है. आरोपी राजीव मुंबई भागने की फिराक में था लेकिन उससे पहले ही एटीएस ने पकड़ लिया. पीड़ित सर्राफा नितेश रस्तोगी ने बताया कि आरोपी के पिता ने बताया था कि बेटा राजीव आईपीएस बन गया है लेकिन सब फर्जी निकला. राजीव ने ऐसा करके विश्वास को ठोस पहुंचाया है.

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