यूपी पुलिस ने पकड़ा आठवीं पास साइबर ठगों का गिरोह, जानें कैसे करते थे चोरी

Smart News Team, Last updated: Fri, 2nd Jul 2021, 7:58 PM IST
  • यूपी पुलिस ने साइबर ठगों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है जो एटीएम से पैसे निकालने आए लोगों को अपनी बातों में उलझा कर उनका एटीएम कार्ड ले कर उनके अकाउंट से सारी डिटेल निकाल कर उनका अकाउंट खाली कर देते थे. एटीएम कार्ड का डाटा स्कीमर मशीन के जरिए चुरा कर अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे.
यूपी पुलिस ने पकड़ा आठवीं पास साइबर ठगों का गिरोह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शुक्रवार यूपी पुलिस ने साइबर ठगों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है जो एटीएम से पैसे निकालने आए लोगों को अपनी बातों में उलझा कर उनका एटीएम कार्ड ले कर उनके अकाउंट से सारी डिटेल निकाल कर उनका अकाउंट खाली कर देते थे. ये ठग धोखे से लिए गए एटीएम कार्ड का डाटा स्कीमर मशीन के जरिए चुरा कर कार्ड की सारी डिटेल हासिल कर अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे. गिरफ्तार हुए इस गिरोह में शामिल एक युवक केवल आठवीं कक्षा तक पढ़ा है. गिरोह में शामिल सभी आरोपियों ने चोरी करने का यह तरीका सोशल मीडिया से सीखा है.

मामले की जांच कर रहे एसपी ग्रामीण हृदयेश कुमार ने बताया कि गुरुवार देर रात को इंदौराबाग मोड़ के पास कार सवार कुछ युवकों को पकड़ा गया था. पकड़े गए युवकों में प्रतापगढ़ जेठवारा का रहने वाला धर्मेंद्र यादव, उमेश यादव, भूपेंद्र सिंह और अजहरा निवासी आलोक कोरी शामिल थे. युवकों पर शक होने पर उनकी तलाशी ली गई जिसमें पुलिस ने उनकी कार से अगल-अलग बैंकों के 39 एटीएम कार्ड बरामद किए. इसके अलावा कार्ड क्लोनिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्कीमिंग डिवाइस भी बरामद की गई.

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पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर गिरोह में शामिल आरोपी धर्मेंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए उन्होंने कार्ड क्लोन करने का तरीका सीखा था. वह लोग अलग-अलग शहरों में घूम घूम कर वारदातों को अंजाम देते थे. खास तौर पर वह उस जगह को निशाना बनाते थे जो एटीएम सुनसान इलाके में हो और जहां गार्ड तैनात न हो. एसपी के अनुसार गिरोह में शामिल उमेश, धर्मेंद्र और आलोक ने आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. उमेश और धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया के जरिए कार्ड क्लोनिं करने का तरीका सीखा था.

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सीओ बीकेटी हृदयेश कठेरिया के मुताबिक आरोपी एटीएम से कुछ दूरी पर कार अपनी खड़ी कर देते थे. एटीएम बूथ में महिला या किसी बुजुर्ग के अंदर जाते ही वह लोग भी बूथ के अंदर चले जाते थे. आरोपी उमेश ने बताया कि रुपये निकाल रहे व्यक्ति को बातों में उलझा के मशीन को हैंग कर देते थे, जिस से मशीन का कार्ड स्लॉट काम करना बंद कर देता था. जिसके बाद मदद करने का बहाना बना उस व्यक्ति का कार्ड ले लेते थे. उस कार्ड को मशीन के कार्ड स्लॉट में डालने से पहले स्कीमर में लगाते थे जिससे कुछ मिनट में एटीएम कार्ड की पूरी डिटेल उनके स्कीमर में सेव हो जाती है.

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आरोपी उमेश के अनुसार एटीएम कार्ड से पैसे निकालने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है, जिसको हासिल करने के लिए उस व्यक्ति का कार्ड कई बार मशीन के कार्ड स्लॉट में स्वैप करवा कर उससे पिन डलवाते थे जिससे उन्हें पिन नंबर पता चल जाए. एटीएम से बाहर आते ही स्कीमर को लैपटाप से जोड़ कर उस व्यक्ति के अकाउंट की सारी डिटेल हासिल कर लेते थे.

एटीएम बूथ में जाकर पैसे निकालते समय इन बातों को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए कि एटीएम मशीन में पिन डालते वक्त कीपैड को हाथ से ढक लें, एटीएम बूथ में किसी भी अपरिचित व्यक्ति के आने पर उसे बाहर जाने के लिए कहें, अन्जान व्यक्ति को अपना एटीएम कार्ड कभी न दें और न ही पिन बताएं, कार्ड स्लॉट ढीला हो तो मशीन का इस्तेमाल न करें, हर तीन या चार महीने बाद एटीएम पिन बदल दें.

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