तांडव विवाद: निर्माता-निर्देशक पर लटकी गिरफ्तारी और उम्रकैद की तलवार, जानें केस
- अमेजन प्राइम वीडीओ पर शुक्रवार को रिलीज हुई वेब सीरीज तांडव के निर्देशक, निर्मात, लेखक के ऊपर एफआईआर किया गया है, साथ ही प्राइम वीडियो की इंडिया हेड पर भी एफआईआर दर्ज किया गया. जिनसे पूछताछ के लिए यूपी पुलिस सोमवार को मुंबई रवाना भी हो चुकी है. वहीं पूछताछ के बाद इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है.
लखनऊ. सैफ अली खान अभिनीत तांडव जैसे ही अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई वैसे ही विवादों में फस गई. शुरूआत में तो सिर्फ इसकी आलोचना ही की जा रही थी, लेकिन सोमवार को लखनऊ के हजरतगंज थाने में निर्माता-निर्देशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं इस एफआईआर पर कार्यवाई करने के लिए पुलिस मुंबई के लिए रवाना भी हो गई है. जो मंगलवार को मुम्बई में डायरेक्टर अली अब्बास जफर, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और अमेजन प्राइम के ओरिजनल कॉन्टेंट इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित से पूछताछ करेगी.
वहीं यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस इन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. आईटी एक्ट की धारा में साम्प्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुचाने और और कई अशोभनीय बातों की वजह से केस दर्ज किया गया है. साथ ही इस एक्ट की धारा में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
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किन बातों पर है आपत्ति
तांडव वेब सीरीज में ऐसे कई दृश्य है जिसपर के लोगों ने आपत्ति जताई है. जिसमे एक इस सीरीज के पहले ही एपिसोड में देवी- देवताओं को बोलते हुए दिखाया गया है जिसके लिए निम्न स्तरीय भाषा का प्रयोग किया गया है. वहीं इसमें जातियों को छोटा बड़ा दिखाया गया है. साथ ही इस वेब सीरीज में प्रधानमंत्री पद के व्यक्ति का चित्रण अत्यंत अशोभनीय दिखाया गया है. साथ ही महिलाओं को अपमान करने वाले कई दृश्य है. जिन्हें आधार बनाकर आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है.
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किन धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा
तांडव वेब सीरीज में बताए गए आपत्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमे 6 धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया है, वो इस तरह है
1. धारा 153 ए- जिसमे तीन साल की सजा या फिर जुर्माना मंगा जा सकता है या फिर ये दोनों ही हो सकती है.
2. धारा 295 - इसमें भी सजा या जुर्माने का प्रावधान है या फिर दोनों ही हो सकता है.
3. धारा 469 - इस धारा के अंतर्गत तीन साल की सजा या फिर जुर्माना भरने का प्रावधान है.
4. आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत तीन साल कज सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है.
5. धारा 66 एफ के तहत उर्म कैद की सजा हो सकती है.
6. धारा 67 के तहत आरोपियों को 5 साल की सजा या 10 लाख रुपए का जुर्माना लिया जा सकता है.
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