महिलाएं बनी सशक्त, यूपी में MNREGA में बढ़ी 'आधी आबादी' की हिस्सेदारी
लखनऊ: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है. उत्तर प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी करीब 3 प्रतिशत तक बढ़ी है. जिससे साल 2021-22 में 37 प्रतिशत महिलाओं को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है. जबकि पिछले साल 34 प्रतिशत महिलाएं मनरेगा से जुड़ी थी. ये आंकड़े महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर सामने आ रहा है. हालांकि कोरोना काल के दौरान देशभर में भारी संख्या में लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं. कहा जा रहा है कि यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है कि महिलाओं का विश्वास मनरेगा में बढ़ा है. जिससे पिछले साल के मुकाबले इस साल 3 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं मनरेगा से जुड़ी है.
ग्रामीण विकास आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में एक वर्ष अबतक करीब 29 लाख महिलाओं ने मनरेगा के तहत रोजगार पाया है. यही आंकड़ा मनरेगा से जुड़ने वाली महिलाओं की कुल 37 प्रतिशत है. मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार के मुताबिक मनरेगा में महिलाओं को मेट बनाने के बाद मनरेगा के कामों में मजदूर महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि नवंबर महीने में ही करीब 17 लाख महिलाओं को मनरेगा से जरिये रोजगार प्राप्त हुआ है. जबकि दिसम्बर के महीने में 12 लाख महिलाएं मनरेगा से जुड़ी हैं.
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आपको बता दें कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी और हिस्सेदारी को लेकर बात करें तो साल 2017-18 में 35 प्रतिशत महिलाओं को मनरेगा के तहत रोजगार मिला था. वही साल 2018-19 में भी यह आंकड़ा बराबर रहा. जबकि साल 2019-20 में यह आंकड़ा घटकर 34 प्रतिशत पर आ गया. साल 2020-21 में भी यह आंकड़ा बराबर रहा. जबकि साल 2021-22 में यह बढ़कर 37 प्रतिशत हो गया.
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