यूपी विधानसभा चुनाव 2022: इलेक्शन में इंस्पेक्टर की लगी ड्यूटी तो बन गए कवि, VIDEO वायरल

Sumit Rajak, Last updated: Thu, 10th Feb 2022, 11:45 AM IST
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आज से शुरू हो चुका है. सात चरणों में हो रहे यूपी चुनाव में निष्‍पक्षता और सुरक्षा व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्‍या में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इसमें यूपी पुलिस की बड़ी भूमिका है. पुलिस अपने कर्तव्‍य के निर्वहन में लगी है. इसी दौरान यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट से पोस्‍ट किया गया एक अधिकारी की कविता का वीडियो खूब लोकप्रिय हो रहा है.
इंस्‍पेक्‍टर धर्मराज उपाध्‍याय

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आज से शुरू हो चुका है. सात चरणों में हो रहे यूपी चुनाव में निष्‍पक्षता और सुरक्षा व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्‍या में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इसमें यूपी पुलिस की बड़ी भूमिका है. पुलिस अपने कर्तव्‍य के निर्वहन में लगी है. इसी दौरान यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट से पोस्‍ट किया गया एक अधिकारी की कविता का वीडियो खूब लोकप्रिय हो रहा है.

इस वीडियो में उन्‍नाव में तैनात इंस्‍पेक्‍टर धर्मराज उपाध्‍याय अपने साथियों के साथ चुनाव ड्यूटी पर रवाना होते समय उन्‍हें अपनी कविता सुना रहे हैं. इंस्‍पेक्‍टर उपाध्‍याय का अंदाज मजेदार है. उनके सुनाने का अंदाज इतना अच्‍छा है कि गाड़ी में उनके साथ बैठे अधिकारी और ट्वीटर पर इसे सुनने वाले कविता को खूब पसंद कर रहे हैं. यूपी पुलिस के इस ट्वीट को लोग जमकर रिट्वीट और लाइक कर रहे हैं. गाड़ी में कविता सुनते हुए उनके साथी खूब वाह-वाह भी कर रहे हैं.

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'ना कोई के डेर मा, ना कोई के दबाव मा, चले हैं दीवान जी ड्यूटी चुनाव मा,

जोवन तोहार व्‍यवस्‍था है, रहिहं वही भाव मा, चले हैं दीवान जी ड्यूटी चुनाव मा,

ड्यूटी के कुछ नए नियम आए हैं लेकिन दीवान जी सब सीखे सिखाएं हैं,

काम सब करिहं बस बोलो न ताव मा, चले हैं दीवान जी ड्यूटी चुनाव मा

पच्‍छु (पश्चिम) से शुरू करिहं पूरबे ले जईहं, कानून-व्‍यवस्‍था के डंका बजईहं

गाड़ी से बस से पहुंचहं कहीं नाव मा, चले हैं दीवान जी ड्यूटी चुनाव मा'

कविता की पंक्तियां कुछ इस प्रकार हैं-

कविता के बीच-बीच में और अंत में इंस्‍पेक्‍टर धर्मराज उपाध्‍याय अपने साथियों से पूछते रहते हैं कि बढ़िया है न. वे हर पंक्ति पर-'झमाझम है न...' कहकर अपने साथियों की दाद लेते हैं. कविता के अंत में लोगों से अपनी कहते हैं- 'यूपी पुलिस जिंदाबाद, कानून जिंदाबाद, संविधान जिंदाबाद. आप सबसे निवेदन है कि वोट आप लोग जरूर दें. मताधिकार का जरूर पालन करें आप लोग. जिसको अच्‍छा समझें उसको जरूर वोट दें. जय हिंद, जय भारत, जिंदाबाद.

 

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