यूपी का पूर्व डीजीपी जो जाना जाता है अपनी सादगी के लिए, जानिए कौन
- एक ओर जहां पुलिस प्रशानिक अधिकारी अपने रब्बो रुआब सरकारी सुविधाओं की चकाचौंध से सराबोर नजर आते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश का एक अफसर सादगी, ईमानदारी शालीनता की मिसाल पेश कर रहा है. दरअसल, यूपी के डीजी पुलिस रहे सुलखान सिंह की. यह तस्वीर बांदा मेडिकल कॉलेज परिसर की. जहां सुलखान से घास पर पालथी मारकर मजे से मूंगफली खाते नजर आ रहे हैं. वहीं एक ट्विटर यूजर ने सुलखान की तस्वीर को शेयर किया है.

लखनऊ. एक ओर जहां पुलिस प्रशानिक अधिकारी अपने रब्बो रुआब सरकारी सुविधाओं की चकाचौंध से सराबोर नजर आते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश का एक अफसर सादगी, ईमानदारी शालीनता की मिसाल पेश कर रहा है. दरअसल, यूपी के डीजी पुलिस रहे सुलखान सिंह की. कभी पुलिस नौकरी के शीर्ष पर रहे सुलखान सिंह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. यह तस्वीर बांदा मेडिकल कॉलेज परिसर की. जहां सुलखान से घास पर पालथी मारकर मजे से मूंगफली खाते नजर आ रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने सुलखान की तस्वीर को शेयर किया है.
यूजर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि ऐसे ईमानदार अफसर अब कहां है? यूपी के डीजी पुलिस रहे सुलखान सिंह. बांदा मेडिकल कालेज परिसर में घास पर पालथी मार, मूंगफली खारहे हैं. अकसर इन्हे ऑटो पर चलते देखा जा सकता है. आज भी गांव में इनका घर छप्पर वाला है. सिंह साहब की निष्कलंक सेवा को दिल से सैल्यूट. नौकरी में रहते भी सुलखान सिंह की सादगी के खूब चर्चे होते थे. अब जब रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर अधिकारी सुख सुविधाओं से लैस लग्जरी का जीवन जीते नजर आते हैं. ऐसे में सुलखान सिंह की यह सादगी दिल जीतने वाली है.
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लखनऊ के पुराने वाले डीजीपी ऑफिस में एक सीनियर #IPS अफ़सर के रिटायर होने पर फ़ेयरवेल पार्टी रखी गई थी. सुलखान सिंह भी इस दावत में थे. जब वे बाहर निकले तो डीएसपी रैंक के अधिकारी ने पूछा आपकी गाड़ी का नंबर क्या है तो वे बोले #Ola टैक्सी बुक किया है आता हूी होगा. https://t.co/VSMvndFu6t
— पंकज झा (@pankajjha_) March 3, 2022
पंकज झा नाम के यूजर अपना पोस्ट पर लिखा है कि लखनऊ के पुराने वाले डीजीपी ऑफिस में एक सीनियर आईपीएस अफ़सर के रिटायर होने पर फ़ेयरवेल पार्टी रखी गई थी. सुलखान सिंह भी इस दावत में थे. जब वे बाहर निकले तो डीएसपी रैंक के अधिकारी ने पूछा आपकी गाड़ी का नंबर क्या है तो वे बोले ओला टैक्सी बुक किया है.
दूसरे यूजर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि यूपी डीजी की तनख्वाह कितनी होगी ? इतनी कम होगी कि घास पर बैठकर मुगफली खानी पड़े !! रिक्शा से आना जाना पड़े ! छप्पर वाले घर में रहना पड़े !! कुछ ज्यादा हो गया हो ऐसा नही लगता ? उनकी ईमादारी पर कोई शक नही है पर डीजी की तनख्वाह से तो एक अच्छी जिंदगी गुजारी जा सकती है.
एक और यूजर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि एक मिडिल क्लॉस के व्यक्ति की आय 20000 महीना औसतन होती है, तो भी वो अपने घर की छत बनवा ही लेता है ये तो फ़िर भी डीजी थे. जिनकी औसतन तनख्वाह एक लाख महीना होती है, फिऱ भी छ्प्पर नहीं बनवा पाए तो इसमें सोचने वाली बात है.
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