LDA के भूखंड की फर्जी रसीदों से कराई गई थी रजिस्ट्री, ऐसे खुला फर्जीवाड़ा

Smart News Team, Last updated: Sat, 26th Jun 2021, 9:02 PM IST
  • एलडीए के प्रियदर्शनी कॉलोनी में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमें फर्जी रसीदों के जरिए भूखंडों की रजिस्ट्री कराई गई. प्लॉट नंबर 1/ 261 पर जब दो लोग अपने पास रजिस्ट्री होने का दावा करने लगे तो इस फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ हुआ. मामले की जांच की जा रही है. 
LDA के भूखंड की फर्जी रसीदों से कराई गई थी रजिस्ट्री

लखनऊ. एलडीए की प्रियदर्शनी कॉलोनी में फर्जी रसीदें बनाकर प्लॉट की रजिस्ट्री कराने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. प्रियदर्शनी कॉलोनी के प्लॉट नंबर 1/ 261 पर जब दो लोग अपने पास रजिस्ट्री होने का दावा करने लगे तो इस फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ हुआ. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश की अनुमति के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. मामला संज्ञान में आने बाद से सभी प्लॉट्स की रसीदों की जांच परख शुरू हो गई है. अधिकारियों को ऐसे ही और फर्जीवाड़े निकलने की आशंका है.

बता दें कि हाल ही में अशफाक अली ने एलडीए की प्रियदर्शनी कॉलोनी के इस प्लॉट नंबर 1/261 पर मकान का निर्माण शुरू कराया जिसके बाद पुष्पेंद्र नामक व्यक्ति ने वह प्लॉट उनका होने का दावा ठोक दिया लेकिन अशफाक अली ने निर्माण कार्य नहीं रोका. मामला बिगड़ने के बाद पुष्पेंद्र ने एलडीए सचिव से संपर्क साधा. मामले की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया कि फर्जी रसीदों से प्लॉट बेचा गया है. वह प्लॉट उर्मिला के नाम था जिसने पुष्पेंद्र को वह बेच दिया. लेकिन एलडीए के बाबू ने प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री विजय कुमार के नाम कर दी जिसके बाद विजय कुमार ने वह अलफाक अली को बेच दी.

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बताया जा रहा है कि प्लॉट के पैसे जमा करने के लिए छह फर्जी रसीदें फाइल में लगाई गई थी. सभी रसीदें कारपोरेशन बैंक की थीं. इन रसीदों पर एक रुपए भी नहीं जमा हुआ था. मामला सामने आने के बाद जब एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने कारपोरेशन बैंक में जमा रसीदों की जांच कराई तो वह सभी रसीदें फर्जी निकली. एलडीए के बाबू को पहले भी कई भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था जिसकी एफआईआर तथा विजिलेंस जांच के बाद बाबू का निधन हो गया था. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. फर्जीवाड़े में शामिल लोगों की तलाश जारी है.

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