कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा समेत कई जिले सड़क हादसों में टॉप पर, एक साल में 22000 मौत

Shubham Bajpai, Last updated: Sun, 26th Sep 2021, 9:56 AM IST
  • प्रदेश में रफ्तार के साथ दुर्घटना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले साल यूपी में सड़क दुर्घटना में 22000 लोगों ने अपनी जान गवां दी. इस मामले में प्रदेश के 15 दिले टॉप पर हैं. कई जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बाद भी इन जिलों में हादसों की संख्या कम नहीं हो रही है.
कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा समेत कई जिले सड़क हादसों में टॉप पर

लखनऊ. प्रदेश में तेज रफ्तार गाड़ी और लापरवाही से ड्राइविंग की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं. इसे रोकने के लिए सरकार और परिवहन विभाग लगातार जागरूकता अभियान से लेकर कार्रवाई तक कर रहा है लेकिन मामले घटने की जगह बढ़ रहे हैं. पिछले साल रोड दुर्घटना के मामलों में 22000 लोगों ने अपनी जान गवां दी. सड़क दुर्घटना में प्रदेश के 15 जिले सबसे ज्यादा कुख्यात है. इन जिलों में ही प्रदेश में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट के 38 फीसदी हैं. सबसे ज्यादा हादसे इन्हीं ब्लैक स्पॉट की वजह से होती हैं.

सड़क हादसों में टॉप पर कानपुर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे कानपुर में होते हैं. 2020 के आंकड़ों के अनुसार, कानपुर नगर में सड़क हादसे में 563 लोगों की मौत हुई. वहीं, प्रयागराज में सड़क हादसे से 517, आगरा में सड़क हादसे में 514, अलीगढ़ में सड़क हादसे में 506, बुलंशहर में सड़क हादसे में 501 और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सड़क हादसों में 483 लोग अपने जान गवां चुके हैं. औसतन रोज इन जिलों में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

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ब्लैक स्पॉट सड़क हादसों की बड़ी वजह

सड़क हादसों की बड़ी वजह ब्लैक स्पॉट भी है. एक साल पहले 15 शहरों में ब्लैकस्पॉट को मार्क किया गया था, जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त नहीं किया गया. इन शहरों में 272 ब्लैक स्पॉट को मार्क किया गया है. इन ब्लैक स्पॉट पर ही 8800 लोगों की मौत एक साल में हो गई. इन लिस्ट में लखनऊ में 28, सीतापुर में 27 और कानपुर में 16 स्पॉट हैं.

सात साल से चल रही सुधार कार्यक्रमों का भी नहीं असर

प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने के लिए पिछले सात साल से विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन इन कार्यक्रमों का भी इन आंकड़ों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और लगातार सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत हो रही है. प्रदेश में लगातार जागरूकता के कार्यक्रम चलाने के बावजूद ये जिले अपना स्थान इस टॉप 15 लिस्ट में बनाए हुए हैं.

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हादसों में कमी के लिए बनाई गई कार्ययोजना

परिवहन विभाग के उप आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि सर्वाधिक हादसे वाले जिलों में कमी लाने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है. इसमें सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियों को ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने, परिवहन, पुलिस और चिकित्सा विभाग के साथ स्थानीय निकाय व पंचायत राज को एक साथ काम करने के दायित्व तय किए गए हैं.

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