योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के मदरसों में अब अंग्रेजी में पढ़ाई करेंगे छात्र
- मदरसों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू होगी. यह फैसला मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में बैठक के दौरान लिया गया. बैठक में बेसिक शिक्षा की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से मदरसे चलाने के साथ साथ मदरसों को आधुनिक टेक्नोलॉजी से भी जोड़ने की बात कही गई.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधान चुनाव 2022 से पहले प्रदेश की योगी सरकार मुस्लिम मतों को भी अपने पक्ष में करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत मदरसों में अब अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू कराएगी. यह फैसला मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में बैठक के दौरान लिया गया. बैठक में बेसिक शिक्षा की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से मदरसे चलाने के साथ साथ मदरसों को आधुनिक टेक्नोलॉजी से भी जोड़ने की बात कही गई. वहीं इस साल मदरसा बोर्ड के एग्जाम यूपी बोर्ड परीक्षा के साथ कराने की तैयारी भी की जा रही है.
बैठक में अरबी फारसी मदरसों को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत स्मार्ट क्लास, एस्ट्रोनामी लैब, ई-बुक, ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया. इसके साथ ही मानक पूरे करने वाले मदरसों की जमीन और भवन पर विचार किया जाएगा ताकि उन्हें मान्यता दी जा सके. आने वाले समय में मदरसों को कायाकल्प करने की योजना है.
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मान्यता दिलाने पर भी हो रहा है विचार
यूपी मदरसा बोर्ड के मुंशी, मौलवी, आलिम, फाजिल, कामिल आदि पाठ्यक्रमों को किसी वि.वि.या संस्थान से मान्यता दिलाने पर भी विचार किया गया है. वहीं बोर्ड ने पासपोर्ट से जुड़े समस्या के निदान की बात भी कही है.
बैठक में ये लोग थे मौजूद
मदरसा बोर्ड की अहम बैठक बुधवार को बोर्ड के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई. बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक सी.इन्दुमति, बोर्ड के उपाध्यक्ष कमर अली, सदस्य डा.इमरान अहमद आदि भी उपस्थित थे.
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बता दें कि सरकार के अनुसार यूपी में अनुदानित करीब 16000 से अधिक मदरसे कार्यरत हैं. इन मदरसों में सरकार की ओर से तालिम के लिए पैसे दिए जाते हैं. यूपी के सभी मदरसे अल्पसंख्यक विभाग द्वारा चलाया जाता है.
मुस्लिम वोटों को रिझाने की कोशिश
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने मुस्लिम वोटों को भी रिझाने की कोशिश शुरू कर दी है. कभी ट्रिपल तलाक के बहाने तो कभी मदरसों के बहाने मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रही है. वहीं भाजपा नें हर बूथ से कम से कम 100 मुस्लिम वोट लेने की रणनीति बनायी है.
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