अपर्णा यादव ने क्यों छोड़ी अखिलेश की सपा? मुलायम सिंह की छोटी बहू के बीजेपी में जाने का कारण

Jayesh Jetawat, Last updated: Wed, 19th Jan 2022, 5:38 PM IST
  • यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई हैं. आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही कि अपर्णा को अपने ही परिवार का साथ छोड़ना पड़ा?
केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में अपर्णा यादव ने ली बीजेपी की सदस्यता

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव सपा छोड़कर बीजेपी में चली गई हैं. इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार में सेंध मारी और 3 मंत्री समेत 14 बीजेपी विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. मगर बीजेपी ने इसका बदला यादव परिवार में ही टूट डालकर लिया है. आइए जानते हैं कि ऐसी क्या मजबूरी रही कि अपर्णा यादव को अपने ही परिवार से बगावत कर बीजेपी में जाना पड़ा.

मुलायम सिंह यादव के परिवार के अंदर की लड़ाई कोई नई नहीं है. इससे पहले भी कई बार यादव परिवार की लड़ाई सार्वजनिक हो चुकी है. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के बीच लंबी रस्साकशी चली थी. नतीजा ये रहा कि अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव सपा से अलग हो गए और नई पार्टी बनाई.

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अपर्णा यादव ने क्यों छोड़ी सपा?

अपर्णा यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. अखिलेश और प्रतीक दोनों सौतेले भाई हैं. अखिलेश यादव की मां मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता से शादी रचाई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो इसी वजह से यादव परिवार में टूट पड़ी. अखिलेश यादव कभी नहीं चाहते थे कि साधना गुप्ता उनकी मां की जगह लें और प्रतीक यादव मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी बनें. इसी को लेकर करीब 16-17 साल पहले मुलायम के परिवार में जबरदस्त घमासान मचा था. उस समय अमर सिंह ने एक समझौता कराके परिवार में सुलह करवाई थी.

समझौते के मुताबिक अखिलेश यादव को मुलायम सिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया. उनकी संपत्ति का अखिलेश और प्रतीक के बीच आधा-आधा बंटवारा करने पर सहमति बनी. उस दौरान ये भी समझौता हुआ कि प्रतीक यादव कभी भी राजनीति में नहीं आएंगे. यही वजह है कि अखिलेश यादव के छोटे भाई राजनीति में नहीं नजर आते हैं.

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दूसरी तरफ, प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा की महत्वाकांक्षाएं बढ़ती गईं. वह सक्रिय राजनीति में आना चाहती थीं. वह अखिलेश की पत्नी डिंपल की तरह सपा में स्थान चाहती थीं. उनकी जिद की वजह से सपा ने अपर्णा को 2017 में लखनऊ कैंट से टिकट दिया था, हालांकि वे चुनाव हार गईं. इस बार भी वह टिकट की मांग कर रही थीं, मगर अखिलेश यादव इसके सख्त खिलाफ थे. उन्होंने साफ कर दिया था कि आगामी चुनाव में वे अपने परिवार से किसी को टिकट नहीं देंगे. बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा को समझाने की कोशिश भी की लेकिन वह नहीं मानीं और सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं.

अपर्णा यादव कई बार बीजेपी, मोदी सरकार और योगी सरकार के पक्ष में बयानबाजी कर चुकी हैं. उन्होंने कई बार अखिलेश यादव के खिलाफ जाकर भी बयानबाजी की. अखिलेश यादव एक तरफ राम मंदिर के लिए चंदा देने वालों पर तंज कस रहे थे, तो दूसरी तरफ अपर्णा ने राम मंदिर के लिए 11 लाख रुपये का दान किया. अपर्णा ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की.

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