कोरोना काल में अब वर्ल्ड बैंक के क्रेडिट कार्ड के नाम पर हो रही ठगी, रहें सावधान
- कोरोना काल में बैकिंग फ्रॉड के मामलों में 159 फीसदी का उछाल आया हैं
- साइबर ठगों द्वारा 2019-20 में 1.85 लाख करोड़ का फर्जीवाडा किया गया हैं

दुनिया जितनी तेज़ी से डिजिटल की ओर बढ़ रही हैं, उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराधों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है. भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले हर रोज सामने आते रहते हैं. कोरोना काल में जिंदगी को आसान बनाने में ऑनलाइन की भूमिका रही है. लेकिन इस काल में साइबर धोखाधड़ी के मामले कई गुना बढ़ गए हैं अब साइबर ठगों ने वर्ल्ड बैंक का डेबिट-क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया है. अगर आपके पास भी वर्ल्ड बैंक का डेबिट/क्रेडिट कार्ड के नाम पर कोई कॉल या एसएमएस हैं तो सावधान रहे. वर्ल्ड बैंक ने खुद इस संबंध में चेतावनी जारी की है.
वर्ल्ड बैक ने कहा है कि अगर आपके पास वर्ल्ड बैक के नाम से केडिट या डेविड कार्ड के लिए कोई कॉल या एसएमएस आता हैं तो आप सावधान रहें. वर्ल्ड बैंक किसी भी तरह के डेबिट या क्रेडिट कार्ड जारी नहीं करता है. साथ ही बैक ने कहा हैं. कि इस तरह के फर्जी कार्ड जारी करने वाले व्यक्ति या किसी सस्था से कोई संबंध नहीं है. आपके पास इस तरह की कोई कॉल या ई-मेल आये तो इसकी सूचना आप नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें. साथ ही किसी भी तरह की निजी जानकारी साझा न करें.
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जागरूकता जरूरी है
भारत में बढते साइबर अपराध को देखते हुए सरकार को गांवो से लेकर शहरो तक जागरुकता अभियान चलाना चाहिए. वर्तमान समय में इंटरनेट की पहुंच अब गांवो तक भी हो गयी हैं. जिससे लोग अब ऑनलाइन खरीददारी से लेकर बैकिंग तक मोबाइल से कर रहे हैं. जागरुकता अभियान से लोगों को बताना चाहिए कि किसी व्यकित को अपना एटीएम, ओटीपी या मोबाइल बैकिंग पासवर्ड किसी को नही बताना चाहिए.
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