यूपी में इन लोगों को 10 करोड़ तक की सब्सिडी देगी योगी सरकार, ऐसे मिलेगा लाभ
- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को "उ.प्र. कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना" को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद योजना को प्रख्यापित किए जाने का शासनादेश सोमवार को जारी कर दिया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयासरत है, कहीं ऑक्सीजन प्लांट लगवा रही है तो कहीं वैक्सीनेशन के लिए नए केंद्र बनाए जा रहें हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नेसोमवार को "उ.प्र. कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना" को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद योजना को प्रख्यापित किए जाने का शासनादेश सोमवार को जारी कर दिया. इस योजना के तहत योगी सरकार कोविड के इलाज से जुड़ी इकाइयों के विस्तार तथा नई इकाइयों की स्थापना पर सरकार द्वारा उद्यमियों को इकाई की स्थापना लागत का 25 फीसदी अथवा अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक सब्सिडी देगी. वहीं सरकार ने इस योजना की अवधि पूरे एक साल के लिए रखी है.
सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने इस योजना के प्राख्यापित होने का शासनादेश जारी करते हुए इसकी कॉपी आयुक्त एवं निदेशक उद्योग और उद्योग जगत से जूते सभी आला अधिकारियों तथा सभी जिलाधिकारियों को भेजे हैं.
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इस योजना के शुरू होने से उत्तर प्रदेश में कोविड के इलाज में आक्सीजन तथा अन्य मेडिकल उपकरणों के निर्माण करने वाली कंपनियों को मदद मिलेगी जिससे उपकरणों और जरूरी सामानों की कमी को पूरी करने में मदद मिलेगी. कोरोना महामारी के विकराल रुप से निपटने में इस योजना से मदद मिलेगी.
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उ.प्र. कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना का लाभ लेने के लिए प्लांट, मशीनरी, उपकरण में पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा 20 लाख रुपये रखी गई है. पात्र इकाइयों को वित्तीय सहायता देने के लिए सरकार रिवाल्विंग फंड बनाएगी. जीस फंड को मदद से ये कंपनियां सुचारू रूप से काम कर पाएंगी और किसी भी उपकरण या सुविधा का अभाव नहीं रहेगा. पात्र कंपनियों को प्लांट, मशीनरी, इक्यूपमेंट की स्थापना कुल खर्चे का 25 फीसदी या अधिकतम 10 करोड़ रुपये इन दोनों मेसे जो भी कम होगा वह वित्तीय सहायता पूंजी उपादान (कैपिटल सब्सिडी) सरकार देगी. साथ ही सरकार इन इकाइयों को सीजीटी-एमएसई के लिए दी गई फीस की प्रतिपूर्ति प्रदेश सरकार करेगी.
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इस योजना का लाभ लेने के लिए कंपनियों को किसी भी शिड्यूल कामर्शियल बैंक अथवा सिडबी में आवेदन करना होगा. अपर मुख्य सचिव एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग की अध्यक्षता में शासन स्तर पर गठित कमेटी द्वारा आवेदनों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग होगा.
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