यूपी में मनरेगा मजदूरों को ज्यादा काम देने की तैयारी में योगी सरकार
- राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मनरेगा का बजट दूसरी बार बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मनरेगा के बजट में 3,535 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी और मनरेगा का इस साल का कुल बजट बढ़कर 15904.14 करोड़ रुपये हो जाएगा.

लखनऊ: ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महमारी में मजदूरों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत (MGNREGA) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम बना हुआ है. उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया है. अब राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मनरेगा का बजट दूसरी बार बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मनरेगा के बजट में 3,535 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी और मनरेगा का इस साल का कुल बजट बढ़कर 15904.14 करोड़ रुपये हो जाएगा. इस बढ़े हुए राशि से मार्च तक ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ गुना अधिक मनरेगा मजदूरों को काम दिया जा सकेगा.
वर्तमान में उत्तर प्रदेश का मनरेगा बजट 12,369 करोड़ रुपये है. कोरोना के कारण लगे सख्त प्रतिबंधों( कंप्लीट लाॅकडाउन) के दौरान राज्य में एक-एक दिन में 50 से 60 लाख तक मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा था. वर्तमान में भी करीब 20 लाख मजदूर प्रतिदिन मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य मनरेगा का बजट 12369.87 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15904.14 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है. बजट में वृद्धि होने पर राज्य में मनरेगा के तहत 45 करोड़ मानव दिवस ( नया दैनिक रोजगार) सृजित हो सकता है.
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2020-21 में अबतक 26 करोड़ मानव दिवस काम दिया गया है
वर्तमान वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य में मनरेगा के तहत 26 करोड़ मानव दिवस ( कुल मनरेगा मजदूर की मंजूरी) दिए थे. इसके तहत कुल 9189.05 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत ( बजट मिला) था. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान अधिक संख्या में मजदूरों को काम देने के बाद केंद्र सरकार ने अगस्त महीने में इसे संशोधित कर 35 करोड़ मानव दिवस ( कुल मनरेगा मजदूर की मंजूरी) तथा कुल बजट 12,369.87 करोड़ कर दिया था. अब राज्य सरकार की तरफ से दूसरी बार मनरेगा बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है.
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80 लाख परिवारों को मनरेगा में काम मिला
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश के बाद से अप्रैल से ही मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक काम कराने के साथ ही अधिकाधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू की गई थी. अब तक राज्य में 32.6 करोड़ (मजदूरों को काम दिए) मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. यानी 80 लाख ग्रामीण परिवारों को प्रति परिवार 40 दिन काम दिया जा चुका है. यदि किसी परिवार से कोई एक ही व्यक्ति 40 दिन काम कर चुका है तो अब कोशिश यह है कि उसे 31 मार्च से पहले-पहले कम से कम 50 दिन और काम दिए जाने का प्रयास है. ऐसा होने पर संबंधित मजदूर को श्रम विभाग द्वारा निर्माण मजदूरों को दी जाने वाली सभी योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा. गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-2020 में कुल 53.15 लाख परिवारों को ही मनरेगा के तहत काम मिला था.
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