यूपी के प्रमुख तीर्थ स्थल जुड़ेंगे अयोध्या रामायण सर्किट से, मिलेंगी ये सुविधाएं

Smart News Team, Last updated: Mon, 5th Jul 2021, 2:24 PM IST
  • यूपी सरकार अयोध्या के रामायण सर्किट से प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी. सरकार का मानना है कि इससे तीर्थ यात्रियों को प्रदेश में घूमने के लिए पर्याप्त स्थान मिलेगा. इसके अलावा अयोध्या आने वाले यात्रियों के लिए टूर एवं ट्रेवलिंग की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी. 
योगी सरकार अयोध्या के रामायण सर्किट को यूपी के प्रमुख तीर्थ स्थलों से जोड़ेगी (प्रतीकात्मक तस्वीर) 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों को अयोध्या के रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या से रामायण सर्किट में 24 घंटे के अंदर आने-जाने वाले तीर्थ स्थलों को भी जोड़ा जाएगा. जिससे पर्यटक एक दिन में ही घूमकर वापस अयोध्या आ सके. अयोध्या से 140 किमी. दूर लखनऊ, 160 किमी, दूर प्रयागराज, 135 किमी. दूर गोरखपुर और 250 किमी. दूर वाराणसी के तीर्थ स्थलों को भी जोड़ा जाएगा. इसके अलावा अयोध्या आने वाले यात्रियों के लिए टूर एवं ट्रेवेलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिसमें आने-जाने, खाने और रहने की व्यवस्थाओं का पूरा पैकेज शामिल किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव के बाद राज्य सरकार अयोध्या के रामायण सर्किट से यूपी के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी. इसके लिए आवास विभाग ने खाका भी तैयार करा लिया है. जिसके आधार पर संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपने का काम भी शुरू हो चुका है. अयोध्या से 1116 किमी दूरी बोद्ध सर्किट जाने के लिए सीधा मार्ग बनाया जाएगा. साथ ही अवध सर्किट, बुंदेलखंड, विंध्य-वाराणसी, ब्रज, वाइल्ड लाइफ-इको पर्यटन सर्किट को भी जोड़ा जाएगा.

लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह संजय गांधी PGI में भर्ती, हालत नाजुक

राज्य सरकार अयोध्या से एक दिवसीय पर्यटन यात्राओं को भी जोड़ेगी. जिसमें लखनऊ से मनकामेश्वर मंदिर, हनुमान सेतु मंदर, अंबेडकर पार्क, जूलॉजिकल गार्डन और लखनऊ संग्रहालय को जोड़ा जाएगा. प्रयागराज से त्रिवेणी संगम, अक्षय वट, प्रयागराज का किला और आनंद भवन जुड़ेगा. वहीं गोरखपुर से गोरखनाथ मंदिर, रेल संग्रहालय, गीता वाटिका, रामगढ़ ताल और वीर बहादुर सिंह तारा मंडल को जोड़ा जाएगा. इसके अलावा वाराणसी से काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, भारत माता मंदिर, संध्या आरती और गंगा नदी पर नाव की सवारी की सुविधा के लिए इन्हें जोड़ा जाएगा.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें