Ahoyi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी का यूपी के लखनऊ कानपुर प्रयागराज गोरखपुर मेरठ आगरा वाराणसी में कथा मुहूर्त
- संतान की चाह में और संतान की लंबी उम्र के लिए अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है. इस बार 28 अक्टूबर यानी गुरूवार को अहोई अष्टमी का पावन व्रत पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए पूरे विधि विधान के साथ माता अहोई और भगवान शिव की पूजा करते हैं.
लखनऊ। संतान की चाह में और संतान की लंबी उम्र के लिए अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है. इस बार 28 अक्टूबर यानी गुरूवार को अहोई अष्टमी का पावन व्रत पड़ रहा है. हर साल कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है. करवा चौथ के तीन दिन बाद ये व्रत मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए पूरे विधि विधान के साथ माता अहोई और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं.
अहोई अष्टमी के लिए शुभ पूजा मुहूर्त
इस साल 28 अक्टूबर यानी बृहस्पतिवार को अहोई अष्टमी का पावन व्रत पड़ रहा है. इस बार पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 56 मिनट तक है. पंडितों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार 1 घंटे 17 मिनट ही पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है. हालांकि कई लोग इस समय अवधि के बाद भी पूजा करते हैं लेकिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना ज्यादा लाभकारी होता है.
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अहोई अष्टमी का महत्व
सनातन संस्कृति में दूसरे पर्व- त्योहारों की तरह अहोई अष्टमी का भी बड़ा महत्व है. महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए पूरे विधि विधान के साथ माता अहोई और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. कहने वाले ये भी कहते हैं कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखने और विधि विधान से अहोई माता की पूजा करने से मां पार्वती अपने पुत्रों की तरह ही व्रती के बच्चों की रक्षा करती हैं.
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