लखनऊ का एक बाग के खास क्योंकि यहां साल में तीन पर लगते है आम के फल
- अब तक आपने लखनऊ को उसकी बोली भाषा और खान पान के चर्चे सुने होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फल के बगीचे के बारे में बताएँगे कि आप वाकई कहेंगे ग़ज़ब है भैय्या

दरअसल यह एक आम का बगीचा है और इस बगीचे में एक बार नहीं, साल तीन पर फल लगते हैं। और ऐसे लगते है कि जैसे पे़ड़ आमों के वजन से लद जाते हैं। जो भी इस बगीचे के पास से गुजरता है तो देखकर दांतो तले अंगुली दबा लेता है।
दरअसल यह बगीचा आम उत्पादक नेशनल अवार्ड विनर एससी शुक्ला का है। इस बाग में आम की कई रंगीन और वर्ष में तीन बार फसल देने वाली आम की प्रजातियां लगी हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को साकार करते एससी शुक्ला प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों के किसानों के लिए एक मिसाल बने हुए हैं। आस पास के राज्यों के किसान अक्सर शुक्ला के पास पौधों की इन प्रजातियों की जानकारी लेने के लिए आते हैं। और फिर शुक्ला से पौधों को लगाने का तरीका और उनकी सार सम्भाल की तकनीक समझते हैं। शुक्ला के इस नवाचार की तारीफ कृषि विभाग के अधिकारी खूब करते हैं। बीते दिनों इन फसलों को देखने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा योग विहार आलमबाग स्थित एससी शुक्ला के बाग में आए थे। जहां उन्होंने एससी शुक्ला ने बागों की 300 से अधिक दुर्लभ व रंगीन प्रजातियों के बारे में बताया। उन्होंने सितंबर से लेकर दिसंबर और फरवरी से लेकर अप्रैल के बीच तक होने वाली प्रजातियों की जानकारी दी। एससी शुक्ला ने बताया कि आलोक सिन्हा ने इतने विविधता भरे आमों की सराहना की और किसानों को इसकी पौध उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अब एससी शुक्ला साल में तीन बार फल देने वाले आम के बगीचे के नाम से देश के कई राज्यों में चर्चित है।
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