इस शुभ मुहूर्त पर कर लें सरस्वती पूजा, मिलेगा विद्या, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 4th Feb 2022, 4:39 PM IST
  • बसंत पंचमी के मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है. कहा जाता है कि इसी दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थी. इसलिए हर साल बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा की जाती है. इस बार शनिवार 5 फरवरी 2022 को सरस्वती पूजा की जाएगी. आइये जानते हैं कल कितने बजे है पूजा के लिए शुभ मुहूर्त.
ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती (फोटो-लाइव हिन्दुस्तान)

शनिवार 5 फरवरी 2022 को देशभर में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाएगी. मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी कहा जाता है. विशेषरूप से पढ़ने-लिखने वाले छात्र और काल क्षेत्र से जुड़े लोग बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं. सरस्वती पूजा के दिन स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी होती है और सरस्वती पूजा का आयोजन होता है. देवी सरस्वती की मूर्ति की स्थापना कर धूमधाम से सरस्वती पूजा का त्योहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी के इस पर्व को सरस्वती पूजा, बागेश्वरी जयंती और श्री पंचमी के नाम भी जाना जाता है.

इस साल भी सरस्वती पूजा के लिए भक्तों में खूब उत्साह है. आज से ही पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी है और कल मां सरस्वती पूजा अराधना की जाएगी. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि कल कितने बजे तक पूजा की जाएगी और किस मुहूर्त पर पूजा करना शुभ होगा. आइये जानते हैं सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मां सरस्वती के विशेष मंत्र.

Saraswati Puja 2022: चार भुजाधारी हैं देवी सरस्वती, क्या है मां शारदे की हर भुजा का अर्थ

सरस्वती पूजा मुहूर्त-

इस साल सरस्वती पूजा के लिए 24 घंटे का समय रहेगा. क्योंकि 5 फरवरी सुबह 6 बजकर 43 मिनट से दूसरे दिन यानी 6 फरवरी सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक पंचमी तिथि रहेगी. लेकिन ज्योतिषा के अनुसार, देवी सरस्वती की पूजा के लिए 5 फरवरी सुबह 6 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट का समय सबसे उत्तम है. साथ ही इस बार बसंत पंचमी पर सिद्ध, साध्य और रवि योग का त्रिवेणी योग बन रहा है, जिसमें मां सरस्वती पूजा करना खासकर विद्यार्थियों के लिए बेहद शुभ रहेगा.

सरस्वती पूजा विधि-

सरस्वती पूजा के लिए जल्दी उठें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें. कहा जाता है कि इस दिन स्नान करने से पहले शरीर पर नीम और हल्दी का लेप शरीर पर लगाना चाहिए फिर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद पीले रंग का वस्त्र पहनान चाहिए. क्योंकि ये रंग मां सरस्वती को प्रिय होता है. पूजा के लिए सबसे पहले मां सस्वती की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें. देवी सरस्वती को तिलक करें और धूप दीप जलाएं. फिर प्रसाद में फल चढ़ाएं. 

अगर आप विद्यार्थी हैं तो पूजा में मां के पास अपनी किताब कॉपी या कलम आदि जरूर रखें और इसपर तिलक करें. अगर आप कला से जुड़े हैं तो अपना वाद्य यंत्र या कला से जुड़ी चीजें रखें. पूजा में मां सरस्वती के मंत्र पढ़ें सरस्वती वंदना करें और अंत में पूजा की थाली में कुमकुम, हल्दी, अक्षत और फूल सजाकर मां सरस्वती की आरती करें.

Saraswati Puja 2022: बसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये काम, मां सरस्वती होती हैं नाराज

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें